अहमदाबाद : अपने गृह राज्य से बाहर छह महीना समय बिताने के बाद पटेल कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल आज गुजरात लौट आए और राजस्थान की सीमा से सटे रतनपुर में उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया. गुजरात में उग्र आंदोलन के बाद हार्दिक को वहां से निकाल दिया गया था और उदयपुर में वक्त बिताने की सजा सुनायीगयी थी. गुजरात लौटने के दौरान हार्दिक ने मीडिया से कहा था कि वे गांधीवादी तरीके से अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
समर्थकों का हंगामा
वापिस लौटते वक्त खेरवाड़ा टोल नाके पर हार्दिक पटेल के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया. ये लोग टोल टैक्स नहीं चुकाने को लेकर अड़े हुए थे. हार्दिक समर्थकों की अच्छी खासी तादाद के साथ लौट रहे हैंऔर उनके काफिले में करीब 200 गाड़ियां शामिल हैं. 23 साल के हार्दिक पटेल को अदालत से देशद्रोह के मुकदमे में हाईकोर्ट से इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वो छह महीने तक राज्य से बाहर रहेंगे. आज इस शर्त की समयसीमा खत्म हो रही है.
पटेल समुदाय की एक रैली को करेंगे संबोधित
उदयपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेंद्र प्रसाद ने इससे पहले बताया था कि 23 वर्षीय नेता अपने समर्थकों के साथ चार वाहनों में उदयपुर से गुजरात के लिए रवाना हुए और शांतिपूर्ण तरीके से गुजरात की सीमा में प्रवेश किया. उन्होंने बताया कि ऐहतियात के तौर पर थानाधिकारी के नेतृत्व में एक पुलिस दल भी गुजरात सीमा तक गया. आज दोपहर रतनपुर सीमा से अपने गृह राज्य में जैसे ही हार्दिक ने प्रवेश किया पटेल समुदाय के सैकड़ों नौजवानों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद वह पटेल समुदाय की एक रैली को संबोधित करने के लिए साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर शहर के लिए रवाना हो गये.
बोले हार्दिक, समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा
उन्होंने बताया कि वहां पहुंचने पर हार्दिक ने अपने समुदाय के लिए न्याय पाने का संकल्प जताते हुए कहा, ‘‘महान नेताओं और शहीदों की इस धरा को मैं नमन करता हूं. मैं हमेशा अपने समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा.” उनकी भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘समय आने पर रणनीति अपनायी जायेगी, मैं इसका अभी खुलासा नहीं कर सकता.”
17 जुलाई से उदयपुर में रह रहे थे
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पटेल आंदोलन के अग्रणी नेता हार्दिक पटेल ने छह महीने का समय उदयपुर में बिताया. देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे इस तेज तर्रार नेता को पिछले साल 15 जुलाई को गुजरात उच्च न्यायालय से इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह 17 जुलाई से छह महीने तक राज्य से बाहर रहेंगे. जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था। इसके बाद से वह राजस्थान के उदयपुर में रह रहे थे.
गुजरात के सीएम की टिप्पणी
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने इस पूरे प्रकरण पर टिप्पणी देते हुए कहा कि उनकी सरकार हार्दिक और आरक्षण के मुद्दे पर अन्य पक्षकारों से बातचीत के लिए तैयार है. रुपानी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें वहां ‘‘हिम्मतनगर में” रैली के आयोजन की अनुमति दी है. विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए हमलोग हमेशा ही सकारात्मक माहौल में सभी पक्षकारों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं.” हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने आज की रैली को ‘‘पटेल कोटा आंदोलन के दूसरे दौर की शुरुआत” के रूप में वर्णित किया है.
केशुभाई पटेल से आर्शीर्वाद लेने गांधीनगर जायेंगे
अगस्त 2015 में हार्दिक ने कोटा लाभ के लिए अपने समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग पर जीएमडीसी मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया था. आज रैली को संबोधित करने के बाद हार्दिक गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल से आशीर्वाद लेने के लिए गांधीनगर जायेंगे. शाम में वह ‘भारतीय छात्र संसद’ में हिस्सा लेने के लिए पुणे के लिए रवाना होंगे.
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