-जलीकट्टू के समर्थन में तमिलनाडु के रामेश्वरम में दुकानें बंद, पसरा सन्नाटा
-उच्चतम न्यायालय ने जल्लीकट्टू के मुद्दे पर एक सप्ताह तक फैसला नहीं सुनाने के केंद्र के आग्रह को माना. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि केंद्र और राज्य जल्लीकट्टू मुद्दे के समाधान को लेकर बातचीत कर रहे हैं. कोर्ट ने केंद्र का आग्रह मान लियाहै.
-डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन को प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया गया है.
-केंद्रीय मंत्री राधाकृष्णन ने कहा है कि वह जलीकट्टू मुद्दे पर पर्यावरण मंत्री अनिल दावे से मुलाकात करेंगे और मामले को लेकर गृह मंत्री से भी मुलाकात करने की कोशिश करेंगे.
नयी दिल्ली/चेन्नई: जल्लीकट्टू के मुद्दे पर उमड़े लाखों लोगों के जन सैलाब के दबाव के बीच तमिलनाडु सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है. सूबे मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने एलान करते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार जल्लीकट्टू का आयोजन सुनिश्चित करने के लिए अध्यादेश जारी करेगी. एक-दो दिन में राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने के बाद अध्यादेश जारी किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों से विरोध प्रदर्शन समाप्त करने को कहा है. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर तमिलनाडु सरकार ने गृह मंत्रालय को अध्यादेश का मसौदा सौंप दिया है. गृह मंत्रालय इसे राष्ट्रपति को भेजेगा और उनकी हरी झंडी मिलने के बाद इस पर राज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी.
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि अध्यादेश के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को कानूनी ज़रिए से हटाने की कोशिश की जाएगी. इस बीच जल्लीकट्टू के मुद्दे पर एआइएडीएमके के 49 सांसद आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे. आइएडीएमके के सांसद जल्लीकट्टू पर से रोक हटाने के लिए केंद्र सरकार की मदद चाहते हैं.
यहां उल्लेख कर दें कि राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने भी गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात कर इस मामले में अध्यादेश जारी करने की मांग की है. हालांकि प्रधानमंत्री से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला. पीएम मोदी ने इशारों में संकेत दिए कि मामले को लेकर केंद्र इसमें फिलहाल दख़ल देने नहीं जा रहा है, क्योंकि मामला अदालत में है.
इधर, जल्लीकट्टू को बैन किए जाने के विरोध में आज चेन्नई में सुबह से लेकर शाम तक 12 घंटों का बंद है. स्कूल कालेजों से लेकर बाज़ार कारोबार और निजी दफ्तर जल्लीकट्टू के समर्थन में बंद किए गए हैं. खबर है कि राज्य की करीब 40 लाख दुकानें बंद हैं. जल्लीकट्टू के समर्थन में लोग आज अनशन भी कर रहे हैं. बंद के समर्थन के लिए मद्रास हाइकोर्ट की एडवोकेट्स एसोसिएशन ने कोर्ट का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
आपको बता दें कि फिल्मी सितारों से लेकर खिलाड़ियों, आध्यात्मिक गुरुओं और तमिल समाज में पहचान रखने वाले तमाम बड़े नामों ने जल्लीकट्टू पर से रोक हटाने की मांग की है. बंद के कारण स्कूल-कालेजों के साथ बसें, ऑटो और टैक्सियां भी सड़कों से नदारद नजर आ रहीं हैं.
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