चेन्नई : तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने जल्लीकट्टू के लिए अध्यादेश जारी कर दिया है. लगभग तीन साल के प्रतिबंध के बाद अब इसका फिर से आयोजन होने वाला है और सांडों पर काबू पाने के इस खेल का कल मुदरै के अलगनल्लूर और राज्य के अन्य स्थानों पर आयोजन होगा. गौरतलब है कि जल्लीकट्टू का आयोजन कराने के लिए व्यापक स्तर पर प्रदर्शन होने के चलते पिछले पांच दिनों से राज्य में जनजीवन ठहर सा गया है.
मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेलवम कल सुबह 10 बजे जल्लीकट्टू का अलगनल्लूर में उद्घाटन करेंगे, जो इस ग्रामीण खेल के लिए प्रसिद्ध है. वहीं, मदुरै जिला कलेक्टर के. वीरा राघव राव ने कहा कि हर चीज तैयार है और लोग सरकार से हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर आयोजन स्थल का मुआयना कर रहे हैं. इस खेल के एक-दो दिनों में होने की संभावना है.
पन्नीरसेलवम ने कहा कि अन्य इलाकों में, संबद्ध क्षेत्रों के मंत्री सुबह 11 बजे इस खेल का उद्घाटन करेंगे. मुख्यमंत्री ने जल्लीकट्टू का समर्थन करने को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने मोदी को एक पत्र में लिखा, ‘सरकार और तमिलनाडु के लोगों की ओर से, मैं पोंगल के दौरान एक बार फिर से तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को सक्षम बनाने में आपके समर्थन और सहयोग के लिए शुक्रिया अदा करता हूं.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं युवाओं, छात्रों और आम लोगों से बड़ी संख्या में भाग लेकर समूचे तमिलनाडु में जल्लीकट्टू कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर सफल बनाने का अनुरोध करता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘जल्लीकट्टू मनाने का हमारा सपना इस साल सच हो गया.’ केंद्र ने बीती रात अध्यादेश को मंजूरी देकर प्रदर्शन खत्म करने की कोशिश करते हुए इसे जारी करने के लिए राज्य सरकार का रास्ता साफ कर दिया था.
राव, महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. उनके पास तमिलनाडु का अतिरिक्त प्रभार भी है. अध्यादेश को मंजूरी देने के लिए वह शाम को चेन्नई पहुंचे. पन्नीरसेलवम ने कहा कि अध्यादेश की जगह एक मसौदा विधेयक बगैर किसी बाधा के 23 जनवरी से शुरू हो रहे तमिलनाडु विधानसभा सत्र में पेश और स्वीकार किया जाएगा. इससे पहले दिन में मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के लोगों की सांस्कृतिक आकांक्षाएं पूरी करने के लिए सारी कोशिशें की जा रही हैं.
इस बीच, धर्मपुरी से लोकसभा सांसद अंबूमणि रामदॉस ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और जंतु निर्ममता निवारण अधिनियम 1960 में एक संसदीय संशोधन के जरिए जल्लीकट्टू के एक स्थायी हल की मांग की. उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में लाया गया अध्यादेश सिर्फ एक अस्थायी हल है और इसे उच्चतम न्यायालय कभी भी रद्द कर सकता है.
उन्होंने बताया, ‘हमने केंद्र सरकार से यह भरोसा दिलाने को कहा है कि यदि न्यायालय कुछ समय बाद अध्यादेश को रद्द करता है तो वह संसद के आगामी सत्र में पीसीए अधिनियम में संशोधन करेगी.’ वहीं, तमिलनाडु में पांच दिनों से जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की सराहना करते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा है कि वह इन छात्रों के प्रशंसक हो गये हैं. जल्लीकट्टू समर्थकों ने दिन में मदुरै में ट्रेनें रोकी. दक्षिणी रेलवे ने कुछ ट्रेनें रद्द की जबकि कुछ के मार्ग में बदलाव भी किया.
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