अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति ने नजीब के परिजनों को तीन दिन पहले फोन किया था और 20 लाख की फिरौती मांगी थी. सूत्रों ने बताया कि अपराध शाखा के एक दल ने डीसीपी जी राम गोपाल नायक की निगरानी में आरोपी के स्थान का पता लगाया था. हालांकि नजीब के परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमें फिरौती मांगने वाली कोई भी कॉल नहीं आयी है.” इसी बीच वे छह छात्र भी पोलिग्राफी टेस्ट के लिए सहमत नहीं हुए हैं, जिनसे इसके लिए मंजूरी मांगीगयी थी.
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