जल्लीकट्टू : मदुरई में पन्नीरसेल्वम का तीखा विरोध, लगे रिटर्न बैक के नारे
चेन्नई : तमिलनाडु में आज बैलों के साथ खेला जाने वाला खेल जल्लीकट्टू उत्सव मनाया जारहा है. हालांकि इस खेल की औपचारिक शुरुआत करने मदुरई पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम कोलोगोंकेतीखे विरोध का सामना करना पड़ा. मदुरई में लोग पन्नीरसेल्वम रिटर्न बैक टू चेन्नई के नारे लगाने लगे. मुख्यमंत्री को आज मदुरई के अलंगनल्लूर […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2017 10:15 AM
चेन्नई : तमिलनाडु में आज बैलों के साथ खेला जाने वाला खेल जल्लीकट्टू उत्सव मनाया जारहा है. हालांकि इस खेल की औपचारिक शुरुआत करने मदुरई पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम कोलोगोंकेतीखे विरोध का सामना करना पड़ा. मदुरई में लोग पन्नीरसेल्वम रिटर्न बैक टू चेन्नई के नारे लगाने लगे. मुख्यमंत्री को आज मदुरई के अलंगनल्लूर में जल्लीकट्टू उत्सव में शामिल होना था. लेकिन इसके स्थायी समाधान के लिए वहां तीखा विरोध हो रहा है. इस कारण वहां के प्रस्तावित आयोजन पहले से ही अनिश्चितता के बादल कायम थे. हालांकि यहां मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में जल्लीकट्टू मनाये जाने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. उन्होंने वादा किया इस मामले के स्थायी समाधान के लिए हमकानूनबनाने के लिए विधानसभा में जल्द हीविधेयकपेश करने वालेहैं.
Alanganallur (Madurai): Don't want a temporary relief, we need permanent solution.Want ban on PETA: Bharathi Kannamma,protester #jallikattupic.twitter.com/r8z4A8b8GB
वहीं, दूसरी ओर सरकार के मंत्री अलग-अलग जिलों में इस उत्सव में शामिल होना है. इस उत्सव को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में उत्साह दिख रहा है, वहीं इसके स्थायी समाधान की मांग अब एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. अध्यादेश के जरिये फिलहाल भले ही राज्य में जल्लीकट्टू उत्सव मनाने का रास्ता साफ हो गया हो, लेकिन लोग इसे नाकाफी मान रहे हैं.
सरकार स्थायी कानून बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ा चुकी है और कल से आरंभ होने वाले विधानसभा सत्र में इस संबंध में विधेयक रखने वाली है. मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने कल राज्य की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर दिये गये सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.
इससे पहले कल तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने जल्लीकट्टू के लिए अध्यादेश जारी कर दिया और लगभग तीन साल के प्रतिबंध के बाद अब इसका फिर से आयोजन हो रहा है. वहीं, मरीना बीच और दूसरी जगहों पर जमे प्रदर्शनकारियों ने एक स्थायी हल निकलने तक अपना आंदोलन खत्म करने से आज रात इनकार कर दिया.