रो पड़ी शशिकला, पन्नीरसेल्वम बोले, घड़ियाली आंसू बहा रहीं हैं

चेन्नई : अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के साथ कुर्सी की लड़ाई में उलझे तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम के पक्ष में समर्थन बढ़ता जा रहा है. आज पांच और सांसदों ने उनका समर्थन किया. शशिकला विधायकों से बातचीत के दौरान रो पड़ी. उनके आंसुओं पर टिप्पणी करते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा, उन्हें किसी चीज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2017 4:41 PM
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चेन्नई : अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के साथ कुर्सी की लड़ाई में उलझे तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम के पक्ष में समर्थन बढ़ता जा रहा है. आज पांच और सांसदों ने उनका समर्थन किया. शशिकला विधायकों से बातचीत के दौरान रो पड़ी. उनके आंसुओं पर टिप्पणी करते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा, उन्हें किसी चीज का दुख नहीं हो रहा. वो नाटक कर रही है उनके आंसू घड़ियाली हैं

लोकसभा के चार सदस्यों… जयसिंह त्यागराज नाटेरजी (तूतीकोरिन), सेंगुटुवन (वेल्लोर), आरपी मुरुतराजा (पेरम्बलुर) और एस. राजेन्द्रन (विल्लुपुरम) ने आज ग्रीनवेज स्थिति पनीरसेल्वम के आवास पर उनसे भेंट कर उन्हें अपना समर्थन दिया. इसके साथ ही कुर्सी की लड़ाई में अभी तक कुल 10 सांसद पनीरसेल्वम के पक्ष में आ गए हैं.

राज्यसभा सदस्य आर. लक्ष्मणन भी पाला बदलकर पनीरसेल्वम के साथ खड़े हो गए हैं. इससे नाराज शशिकला ने उन्हें पार्टी के विल्लुपुरम (उत्तरी) प्रमुख के पद से हटा दिया है. अपने शपथ-ग्रहण पर मौजूदा अनिश्चितता के बीच शशिकला अपने खेमे को एकजुट रखने में जुटी हुई हैं, हालांकि सांसद लगातार उनके विरोधी खेमे से जुड़ रहे हैं. आज शशिकला ने चेन्नई के बाहर एक रिसॉर्ट में पिछले दो दिनों से ठहरे विधायकों से भेंट की.

रिसॉर्ट जाने से पहले शशिकला ने दिवंगत नेता जे. जयललिता के पोस गार्डन स्थित आवास पर पत्रकारों से कहा कि महिला के लिए राजनीति में रहना ‘‘बहुत मुश्किल’ है. शशिकला ने उनके नाम से राज्यपाल सी विद्यासागर राव को भेजे गए ‘फर्जी पत्र’ की प्रति भी दिखायी, जिसमें कथित तौर पर उन्होंने सरकार नहीं बनाने देने पर आत्महत्या की धमकी दी है.

अन्नाद्रमुक प्रमुख ने कहा, ‘‘मेरे नाम का एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया में चल रहा है, एक मित्र ने मुझे इसकी सूचना दी. आपको (मीडिया) भी यह देखना चाहिए. एक महिला के लिए राजनीति में होना बहुत मुश्किल है. पुराची तलवै के समय में भी ऐसी ही देखा गया था, लेकिन वह इससे लडकर आगे बढीं.’ शशिकला ने कहा कि उन्होंने पार्टी संस्थापक दिवंगत एम. जी. रामचन्द्रन की मृत्यु के बाद अन्नाद्रमुक में ऐसी ‘‘घबराहट’ देखी थी, लेकिन जयललिता ने पार्टी को बहुत तरीके से चलाया और सुनिश्चित किया कि पार्टी लगातारी दूसरी बार जीतकर सत्ता में आए.

शशिकला ने कहा, ‘‘तभी से पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. उस दौरान जिन्होंने इसका प्रयास किया था, वही आज भी कर रहे हैं.’ उन्होंने अपनी इस टिप्पणी में पनीरसेल्वम का अप्रत्यक्ष हवाला दिया जो उस वक्त एमजी रामचन्द्ररन की पत्नी जानकी के नेतृत्व वाले धड़े के साथ थे. उस वक्त अन्नाद्रमुक जयललिता और जानकी दो धड़ों में टूट गयी. शशिकला का दावा है कि पार्टी के विधायक उनके समर्थन में हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘विधायक मेरे साथ हैं. आज मैं उनसे मिलने जा रही हूं. महासचिव के रुप में, मैं आपसे कह सकती हूं कि अन्नाद्रमुक सरकार अगले साढे चार साल तक चलेगी और लोगों की सेवा करेगी.’ सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करने में राज्यपाल की ओर से की जा रही देरी और सांसदों के पनीरसेल्वम के पक्ष में जाने के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘आपको कारण बहुत अच्छे से पता है.’

शशिकला को मुख्यमंत्री पद का शपथ दिलाने की वकीलत कर रहे भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राज्य में चल रहे राजनीतिक ड्रामे को नया मोड़ देते हुए कहा कि राज्यपाल राव को कल तक फैसला लेना होगा, नहीं तो ‘‘उनके खिलाफ विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने का’ आरोप लगाया जा सकता है.

स्वामी ने ट्वीट किया, ‘‘तमिलनाडु के राज्यपाल को कल तक मुख्यमंत्री के मुद्दे पर फैसला कर लेना चाहिए, वरना संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने के संबंध में उनके खिलाफ रिट याचिका दायर की जा सकती है.’ हालांकि, प्रदेश भाजपा ने स्वामी के इस बयान से खुद को अलग करते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘अलग रास्ता’ अपनाया है.

पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई सुन्दरराजन ने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगी कि यह तमिलनाडु भाजपा का रुख नहीं है.’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और उनके विचार प्रदेश इकाई का विचार नहीं हैं.’ केंद्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता पोन राधाकृष्णन ने राज्यपाल का बचाव करते हुए कहा, ‘‘यह पार्टी का मुद्दा नहीं है’ जिसमें जल्दी फैसला लिया जा सके. उन्होंने कहा, ‘‘यह तमिलनाडु के भविष्य से जुड़ा है, इसलिए जल्दीबाजी का कोई अर्थ नहीं है.’

राज्यपाल को कल तक फैसला लेना होगा वरना इस संबंध में मुकदमा दायर किया जा सकता है, सुब्रमण्यम स्वामी की इस टिप्पणी के संबंध में पूछने पर शशिकला ने कहा, ‘‘हम इस पर विचार करेंगे.’ इससे पहले अभिनेताओं और गायकों सहित अपनी पार्टी के स्टार प्रचारकों को संबोधित करते हुए शशिकला ने उन्हें आश्वासन दिया कि अन्नाद्रमुक जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं की मदद से इस संकट से उबरेगी.

प्रचारकों से उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी और जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हमारे साथ हैं. वही इस आंदोलन की जान हैं. डटे रहें, मैं आपके साथ हूं.’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुन्दरराजन ने आश्चर्य जताया कि वीके शशिकला का समर्थन कर रहे अन्नाद्रमुक विधायक ‘‘एक ही जगह’ पर क्यों रह रहे हैं और इसकी क्या ‘‘आवश्यकता’ है.

उन्होंने सवाल किया, ‘‘सभी विधायक :अन्नाद्रमुक के: एक ही जगह पर क्यों रह रहे हैं. इसकी जरुरत क्या है? (अन्नाद्रमुक) महासचिव (शशिकला) जाती हैं और उनसे मिलती हैं. आपको नहीं लगता कि सभी विधायकों को एक ही छत के नीचे लाना और रखना लोकतंत्र के खिलाफ है?’ सुन्दरराजन ने कहा, मुख्यमंत्री पद पर मौजूद एक व्यक्ति जब कह रहा है कि उससे जबरन इस्तीफा दिलवाया गया, तो आरोपों की जांच करना राज्यपाल की जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल की जिम्मेदारी सिर्फ किसी को शपथ दिलाना नहीं है. स्थाई सरकार है या नहीं, यह निगरानी करना भी उनकी जिम्मेदारी है. मेरा विचार है कि राज्यपाल जल्दीबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे.’ इस बीच मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम के समर्थक और अन्नाद्रमुक के राज्यसभा सदस्य वी. मैत्रेयन ने आज राज्यपाल राव से भेंट किया.

पनीरसेल्वम धड़े के सूत्रों का कहना है कि पार्टी सांसद ने यहां राजभवन में राव से भेंट की. हालांकि अभी ज्ञात नहीं है कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई है. गौरतलब है कि शशिकला और पनीरसेल्वम के बीच चल रही कुर्सी की लड़ाई में मुख्यमंत्री के पक्ष में महज छह विधायकों का समर्थन है. तमिलनाडु के 234 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक के पास 134 सीटें हैं.

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