केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि लड़कियों के लिए हॉस्टल से बाहर रहने की समय सीमा तय करना अति आवश्यक है, क्योंकि यह उनकी सुरक्षा और उनके हार्मोंस से जुड़ा है. सोशल मीडिया पर मेनका गांधी के इस बयान की निंदा लगातार की जा रही है.
एनडीटीवी से बातचीत के दौरान लड़केऔर लड़कियों के लिए हॉस्टल नियमों को लेकर एक सवाल के जवाब में मेनका ने कहा कि एक अभिभावक के तौर पर जो भी अपनी बेटी या बेटे को कॉलेज भेजता है, मैं उसकी सुरक्षा की उम्मीद करती हूं. इसलिए सुरक्षा के कुछ नियम उनके खिलाफ हो सकते हैं.
मेनका गांधी ने कहा कि जब आप 16-17 साल की उम्र में होते हैं तो हार्मोंस काफी असर करते हैं. इसलिए हार्मोंस की वजह से होने वाली किसी भी गलती से खुद को रोकने के लिए एक लक्ष्मण रेखा खींचे जाने की आवश्यकता है. यह सिर्फ सुरक्षा के लिए है. चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दो बिहारी जेंटलमैन के हाथ में डंडा देकर उन्हें गेट पर खड़ा कर देने से कुछ होने वाला नहीं है. सिर्फ समय सीमा देकर ही इससे निजात पाया जा सकता है.