VIDEO: कुलभूषण जाधव पर सवाल सुन खिसक लिये पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित

नयी दिल्ली : पाकिस्तान में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनायी गयी है जिसके बाद से पूरे भारत में आक्रोश का माहौल है. मामले को लेकर आज पत्रकारों ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. वे अपनी कार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2017 10:58 AM
an image

नयी दिल्ली : पाकिस्तान में भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनायी गयी है जिसके बाद से पूरे भारत में आक्रोश का माहौल है. मामले को लेकर आज पत्रकारों ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. वे अपनी कार में थे और सवाल सुनते ही उनकी गाड़ी आगे की ओर बढ गयी.

कुलभूषण जाधव प्रकरण: पाक का झूठ एक बार फिर दुनिया के सामने आया, जानिए पाक के दावे में कितना दम

आपको बता दें कि पिछले साल तीन मार्च को पाक के चमन में कुलभूषण गिरफ्तार किये गये थे और उन पर रॉ का एजेंट होने का आरोप लगाया गया था. भारत ने पाक सैन्य अदालत के इस फैसले पर कड़ा रुख अख्तियार किया है. कुलभूषण को पाक के खिलाफ जासूसी व विध्वंसक गतिविधियों में उनकी भूमिका के लिए मौत की सजा दी गयी है.

कुलभूषण जाधव प्रकरण: अब भारत के सामने तीन विकल्प

पाक सेना की मीडिया इकाई ने कहा, ‘जासूस के खिलाफ कानून के तहत फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल के जरिये मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनायी गयी.’भारत ने फैसले के विरोध में कहा है कि यदि एक भारतीय नागरिक के खिलाफ यह सजा कानून और न्याय के मूल मानदंडों को देखे बिना दी जाती है, तो भारत सरकार और यहां के लोग इसे पूर्व नियोजित हत्या का मामला मानेंगे. सोमवार को विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और इस बारे में विरोध पत्र सौंपा.

इसमें कहा गया है, ‘हमने एक भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के बारे में सोमवार को पाक सेना की मीडिया शाखा की प्रेस विज्ञप्ति देखी है. पिछले साल ईरान से जाधव का अपहरण कर लिया गया था और पाकिस्तान में उसके बाद की मौजूदगी पर कभी भी विश्वसनीय जानकारी नहीं दी गयी. भारत सरकार ने इसलामाबाद में अपने उच्चायोग के माध्यम से बार-बार उन तक राजनियक पहुंच देने की मांग की. अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक इस आशय के अनुरोध औपचारिक रूप से 25 मार्च 2016 और 31 मार्च 2017 के बीच 13 बार किये गये थे. इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के दर्जनभर कैदियों को रिहा नहीं करने का फैसला किया है. उन्हें बुधवार को स्वदेश भेजना था.

#KulbhushanJadhav : संसद से सड़क तक पाकिस्तान के खिलाफ विरोध, विपक्ष ने सदन में लाया स्थगन प्रस्ताव

जाधव को पिछले साल तीन मार्च को पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने बलूचिस्तान से तब गिरफ्तार किया था जब वह ईरान से पाक में दाखिल हुए थे. भारत ने माना था कि जाधव एक सेवानिवृत्त नौ सेना अधिकारी हैं, लेकिन उसने इस आरोप को खारिज किया था कि वह किसी भी तरह भारत सरकार से जुड़े हैं. सरकार ने साफ किया था कि रिटायरमेंट के समय से ही उसका सरकार से कोई संपर्क नहीं है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version