सर्जिकल स्ट्राइक की कहानी: अमावस्या का इंतजार, फिर मौत बनकर आतंकियों पर टूटे भारतीय कमांडोज
ग्राफ में पत्थरबाजी की घटनाओं का भी उल्लेख है. भाजपा की माने तो 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2016 के बीच 2, 335 घटनाएं हुई, वहीं 1 अक्टूबर 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच मात्र पत्थरबाजी की 411 घटनाएं हुई. आंकड़ों का स्त्रोत पार्टी ने गृह मंत्रालय को बताया है.
उरी हमले के तत्काल बाद लिया गया था सर्जिकल स्ट्राइक का निर्णय
आपको बता दें कि उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने पिछले साल 28 और 29 सितंबर की रात जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के उस पार जाकर पाक-अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया था. सर्जिकल स्ट्राइक करके सेना ने आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था.
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इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर नियंत्रण रेखा के पार जा कर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली सेना की विशेष इकाई 4 और 9 पैरा के 19 सैनिकों को कीर्ति चक्र सहित वीरता पदकों से नवाजा गया, जबकि उनके कमांडिंग अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया है. नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के लांच पैड पर हमला करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले चार पैरा के मेजर रोहित सूरी को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जो शांति काल के दौरान दूसरा सबसे बड़ा वीरता पदक है.