भारत की आपत्ति के बावजूद जारी रहेगा सीपीइसी
वन बेल्ट, वन रोड परियोजना का भारत-पाकिस्तान विवाद से कोई लेना-देना नहीं
दलाई लामा के अरुणाचल दौरे पर फिर जतायी आपत्ति
कोलकाता : चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि कश्मीर के मामले में चीन का रवैया साफ है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का विवाद है. भारत और पाकिस्तान खुद ही आपस में आपस में बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से इसका समाधान करे.
चीन के कौंसुल जनरल मा झानवु ने बुधवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में ये बातें कहीं. श्री झानवु ने 14 और 15 मई को चीन में संपन्न हुए बेल्ट अंड रोड फोरम (बीआरएफ) के तहत वन बेल्ट, वन रोड (ओबीओआर) परियोजना की जानकारी देते हुए चीन के राष्ट्रपति जी जिंगपिंग द्वारा सिल्क रोड इकोनोमिक बेल्ट निर्माण की योजना से अवगत कराया.
इस सम्मेलन में 29 देशों के प्रमुख ने हिस्सा लिया था, हालांकि भारत ने इसका बहिष्कार करते हुए कहा था कि कोई भी देश ऐसी किसी भी परियोजना को स्वीकार नहीं करेगा, जो देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की अवहेलना करता है श्री झानवु ने भारत की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि यह चीन की भू राजनैतिक रणनीति की पुरानी नीति नहीं है, वे लोग आपस में सहयोग से विकास के पक्षधर हैं और न ही छोटे ग्रुप को अस्थिर करना चाहते हैं. वे लोग चाहते हैं कि सभी देश इसमें शामिल हो. चीन किसी को अलग नहीं रखना चाहता है और ओबीओआर को भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के परिपेक्ष्य में देखें.
भारत के फोरम में शामिल नहीं होने पर श्री झानवु ने कहा कि चीन ने भारत के नेताओं व मंत्रियों को फोरम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था.
पाक अधिकृत कश्मीर में चीन पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर (सीपीइसी) और बांग्लादेश, चीन, बर्मा के बीच कॉरिडोर के निर्माण व भारत की आपत्ति के संबंध में श्री झानवु ने कहा कि वन बेल्ट, वन रोड परियोजना के पहले से ही यह परियोजना चल रही है और यह परियोजना जारी रहेगी. श्री झानवु ने दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर फिर आपत्ति जताते हुए कहा कि दलाई लामा के दौरे के संबंध में चीन का स्पष्ट मत रहा है कि चीन किसी भी विवादित इलाके में तिब्बत के किसी भी व्यक्ति के दौरे का विरोध करता है.
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चीन के दौरे की केंद्र सरकार से अनुमति नहीं दिये जाने पर पूछे जाने पर श्री झानवु ने कहा कि चीन इस मसले पर काम कर रहा है. उन्होंने भारत सरकार के रवैये पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि चीन ने सुश्री बनर्जी को चीन दौरे के लिए आमंत्रित किया था. वे लोग आशान्वित हैं कि इस वर्ष नहीं, तो अगले वर्ष सुश्री बनर्जी का चीन दौरा होगा.
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