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समझा जाता है कि इस अवसर पर वह अलग से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ वार्ता करेंगे जिसमें द्विपक्षीय संबंधों और इन्हें आगे बढ़ाने पर चर्चा होगी. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की इकाई 5 व 6 के लिए सामान्य रुपरेखा समझौते (जीएफए) पर दस्तखत किये जाएंगे या नहीं. जीएफए किसी परियोजना की शुरुआत से पहले आखिरी समझौता है.
इसे अंतर मंत्रालयी समूह पहले ही मंजूरी दे चुका है. इस पर फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की मंजूरी का इंतजार है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अंतर मंत्रालयी समूह द्वारा आकलन के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पीएमओ के पास भेजा गया है.
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उल्लेखनीय है कि रूस के उप प्रधानमंत्री दमित्री रोगोजिन पिछले सप्ताह नयी दिल्ली आये हुए थे ताकि मोदी-पुतिन बैठक के लिए जमीन तैयार की जा सके. उस समय दोनों देशों के बीच जीएफए के मुद्दे पर बातचीत हुई थी. सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत और रूस के बीच जीएफए पर पिछले साल दिसंबर में दस्तखत होने थे, लेकिन दोनों पक्षों के बीच क्रेडिट प्रोटोकॉल पर सहमति नहीं बनने की वजह से यह अभी अटका हुआ है.