वित्त मंत्री जेटली ने अरविंद केजरीवाल पर फिर ठोका मानहानि का मुकदमा

नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से पहले दायर किये गये मानहानि के मुकदमे के बाद एक बार फिर मानहानि का ही मुकदमा ठोका गया है. मानहानि का पुराना मामला दिल्ली हाईकार्ट में दाखिल कराया गया था. मानहानि का यह मुकदमा भी उन्होंने 10 करोड़ रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2017 12:32 PM
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नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से पहले दायर किये गये मानहानि के मुकदमे के बाद एक बार फिर मानहानि का ही मुकदमा ठोका गया है. मानहानि का पुराना मामला दिल्ली हाईकार्ट में दाखिल कराया गया था. मानहानि का यह मुकदमा भी उन्होंने 10 करोड़ रुपये का दर्ज कराया है. बताया जा रहा है कि कि अरुण जेटली ने यह मुकदमा अरविंद केजरीवाल की ओर से केस लड़ रहे देश के जाने-माने वकील राम जेठमलानी की जिरह के दौरान अरुण जेटली को अपशब्द कहे जाने के बाद दर्ज कराया है.

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मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी की कोर्ट में अरुण जेटली पर की गयी कई टिप्पणियों को निंदात्मक करार दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करने के लिए अरविंद केजरीवाल की ओर से कहा गया है, तब इस मामले में बहस को आगे लेने जाने का कोई फायदा नहीं है. अदालत में यह सुनवाई राघव चड्ढा की एक अपील पर हुई थी, जिसमें अरुण जेटली के वकीलों ने यह मामला उठाया.

मामले की सुनवाई कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधसीश न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि ऐसे में पहले केजरीवाल को आकर अपने आरोपों पर बयान देना चाहिए. यह पूरा मामला तब प्रकाश में जब अरुण जेटली की ओर से बहस के लिए आये वकीलों ने कोर्ट से कहा कि पहले यह साफ हो जाना चाहिए कि जिस भाषा का प्रयोग राम जेठमलानी कर रहे हैं, क्या वह अरविंद केजरीवाल की सहमति से हो रहा है.

सुनवाई के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि राम जेठमलानी यह कह चुके हैं कि वह जो कह रहे हैं, वह अरविंद केजरीवाल की तरफ से कह रहे हैं. जेटली के वकीलों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अगर ऐसी भाषा का प्रयोग करने की इजाजत अरुण जेटली के खिलाफ दी है, तो फिर एक और 10 करोड़ का मानहानि का केस दायर किया जायेगा.

इसके बाद न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन ने लताड़ लगाते हुए कहा कि जब पहले ही मानहानि का केस चल रहा है, तब इस प्रकार से भाषा का प्रयोग कर किसी का अपमान नहीं किया जा सकता है. कोर्ट में जज ने कहा कि अगर ऐसा ही किसी रेप के केस में हुआ होता, तो यह पीड़ित के प्रताड़ना के बराबर होता. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि पीड़ित के वकील इस मामले में दूसरा केस भी कर सकते हैं.

बता दें कि कोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार के सामने अरुण जेटली का क्रास-इक्जामिनेशन करते हुए राम जेठमलानी ने क्रूक (धोखेबाज) शब्द का प्रयोग किया था. इसके बाद जेटली और जेठमलानी में तीखी बहस हुई. दोनों की वकीलों की टीम में भी तीखी बहस हुई मामले को आगे के लिए टालना पड़ा है.

कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर केजरीवाल को सफाई देने के लिए पहले ही बुलाया है. केजरीवाल के एडवोकेट ने ऑन रिकॉर्ड ने कोर्ट में साफ कह दिया है कि इस मामले में केजरीवाल की ओर से इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग के लिए नहीं कहा गया है, जबकि राम जेठमलानी ने कोर्ट में कहा है कि इस प्रकार के क्रॉस इक्जामिनेशन के लिए उन्हें केजरीवाल से इजाजत मिली है. इसका सही खुलासा अब केजरीवाल के कोर्ट के कोर्ट में बयान के बाद ही हो पायेगा.

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