चेन्नई : बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त पर केंद्र सरकार के रोक लगाये जाने की अधिसूचना पर मद्रास हाई कोर्ट के मदुरै बेंच ने चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी है. केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ देश भर में विरोध हो रहाहै.
जस्टिस एमवी मुरलीधरन और जस्टिस टी कार्तिकेयन की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के 23 मई की अधिसूचना पर रोक लगा दी है.
याचिका में कहा गया था कि खाने का अधिकार किसी व्यक्ति का निजी अधिकार है और इसमें दखल नहीं दिया जा सकता. हालांकि इस जनहित याचिका का विरोध करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि संबंधित अधिसूचना का मकसद केवल पशु बाजार को नियंत्रित करने के मकसद के लाया गया था.
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मदुरै पीठ ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है.
गौरतलब है कि पशु मेलों में मवेशियों की बिक्री पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध के बाद खास तौर पर दक्षिण भारत के राज्यों में इस फैसले का तीखा विरोध देखने को मिल रहा है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सरकार के इस फैसले को खाने की आजादी और राज्यों के अधिकारों में दखल बताया है. वहीं दूसरी तरफ फैसले के विरोध में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक तौर पर गोवंश का वध कर दिया. इसको लेकर देश में राजनीति गर्म है.
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