AAP:दिल्ली की सत्ता से बाहर होने के बाद आम आदमी पार्टी के लिए सियासी और कानूनी परेशानी बढ़ती दिख रही है. दिल्ली की भाजपा सरकार ने विधानसभा के पटल पर कैग रिपोर्ट पेश कर दी है. कैग रिपोर्ट में आबकारी नीति से कारण हुए 2 हजार करोड़ से अधिक के नुकसान की बात सामने आयी है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुए खर्च में नियमों की अनदेखी करने की बात कैग रिपोर्ट में कही गयी है. जिस मोहल्ला क्लिनिक को आम आदमी पार्टी भारत ही नहीं दुनिया में मॉडल के तौर पर पेश कर रही थी, कैग रिपोर्ट में कई खामियों का जिक्र किया गया है और साथ ही स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने के आप के दावे की हकीकत को सामने लाने का काम किया है.
भाजपा सरकार ने कैग रिपोर्ट पर चर्चा के लिए विधानसभा का सत्र तीन मार्च तक बढ़ा दिया है. इस दौरान कैग रिपोर्ट पर चर्चा भी शुरू हो चुकी है. जाहिर है कि दिल्ली की सत्ता से बाहर होने के बाद आम आदमी पार्टी के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण होने वाला है. दिल्ली की भाजपा सरकार कैग रिपोर्ट पर चर्चा के बाद इस मामले की जांच के लिए पब्लिक अकाउंट कमेटी का गठन करेगी और यह कमेटी कैग रिपोर्ट के आधार पर आप नेताओं को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाएगी. पहले ही आप का शीर्ष नेतृत्व आबकारी नीति मामले में मुकदमे का सामना कर रहा है. ऐसे में आने वाला समय आप के लिए परेशानी वाला होने वाला है.
दिल्ली की राजनीति में आप को कमजोर करने की कोशिश
दिल्ली चुनाव से पहले भाजपा ने आप सरकार के भ्रष्टाचार काे प्रमुख मुद्दा बनाने के साथ ही कई लोकलुभावन वादे किए थे. महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने, गरीबों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर मुहैया कराने, झुग्गी बस्तियों में पांच रुपये में पौष्टिक आहार मुहैया कराने के लिए अटल कैंटीन शुरू करने सहित दूसरे कई तरह के वादे किए. सरकार बनने के बाद भाजपा की कोशिश इन वादों को पूरा करने के साथ ही आम आदमी सरकार के 10 साल के दौरान हुए भ्रष्टाचार को जनता के सामने लाना है. पार्टी का मानना है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की छवि को भ्रष्टाचार के आरोपों से नुकसान हुआ है.
ऐसे में सरकार बनने के बाद आप सरकार के घोटालों को सामने लाकर भाजपा आप की छवि पर अंतिम प्रहार करने की तैयारी में जुट गयी है. कैग रिपोर्ट पेश कर भाजपा ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के हकीकत को जनता के सामने लाने में जुट गयी है. कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2018-2022 के दौरान प्रचार पर होने वाला खर्च 1200 फीसदी बढ़ गया. केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के तय दिशानिर्देश की अनदेखी कर दिल्ली के सरकारी पैसे से दूसरे राज्यों में प्रचार किया. सरकारी पैसे का उपयोग पार्टी के प्रचार-प्रसार में किया गया. भाजपा धीरे-धीरे कैग रिपोर्ट पेश कर आप सरकार की कारगुजारियों को जनता के सामने लाना चाहती है ताकि इस मुद्दे पर लंबे समय तक चर्चा हो सके.