कृषि क्षेत्र में देश की गरीबी मिटाने की क्षमता, ICRISAT के स्वर्ण जयंती समारोह में बोले पीएम मोदी

PM Modi in Hyderabad: हम दोहरी रणनीति पर काम कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि विश्व समुदाय से भारत ने क्लाइमेट चैलेंज से निबटने का विशेष आग्रह किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2022 4:31 PM
an image

हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इक्रीसैट (ICRISAT) के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि कृषि क्षेत्र में देश की बड़ी आबादी को गरीबी से बाहर निकालने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि खेती में देश की एक बहुत बड़ी आबादी को गरीबी से बाहर निकालकर बेहतर लाइफस्टाइल की तरफ ले जाने का पोटेंशियल है. ये अमृतकाल कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में खेती करने वाले किसानों को कठिनाइयों से बाहर निकालने के नये माध्यम भी मुहैया करायेंगे.

2070 तक नेट 0 का टार्गेट

पीएम मोदी ने शनिवार को हैदराबाद के पाटनचेरु में इंटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) को संबोधित करते हुए कहा कि हमने देखा है कि सिंचाई के अभाव में देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा ग्रीन रिवोल्यूशन का हिस्सा नहीं बन पाया. अब हम दोहरी रणनीति पर काम कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि विश्व समुदाय से भारत ने क्लाइमेट चैलेंज से निबटने का विशेष आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2070 तक भारत ने नेट 0 का टार्गेट तो रखा ही है, लाइफ मिशन को भी हाइलाइट किया है.

बजट 2022 में क्लाइमेट एक्शन को प्राथमिकता

पीएम मोदी ने कहा कि प्रो प्लेनेट पीपल एक ऐसा मूवमेंट है, जो क्लाइमेट चैलेंज से निपटने के लिए हर व्यक्ति और समुदाय को क्लाइमेट रिस्पांसिबिलिटी से जोड़ता है. यह बातों तक सीमित नहीं है. भारत सरकार के एक्शन में भी रिफ्लेक्ट होता है. इस साल के बजट में क्लाईमेट एक्शन को बहुत प्राथमिकता दी गयी है.

Also Read: पीएम मोदी ने कृषि जगत को दी सौगात, झारखंड के बीएयू के वैज्ञानिकों ने भी विकसित की हैं फसलों की कई किस्में
भारत में 15 एग्रो क्लाइमेट जोन

यह बजट हर स्तर पर, हर सेक्टर में ग्रीन फ्यूचर के भारत के कमिटमेंट को प्रोत्साहित करने वाला है. क्लाइमेट और दूसरे फैक्टर्स के कारण भारत की कृषि के सामने जो चुनौतियां हैं, उनसे निपटने में भारत के प्रयासों से आप भी एक्सपर्ट और वैज्ञानिक परिचित हैं. आपमें से ज्यादातर लोग ये भी जानते हैं कि भारत में 15 एग्रो क्लाइमेट जोन हैं.


विश्व को मिल सकता है हमारे अनुभवों का लाभ

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर 6 ऋतुएं होती हैं. यानी हमारे पास कृषि से जुड़ा बहुत विविधता भरा और प्राचीन अनुभव है. इस अनुभव का लाभ विश्व के अन्य देशों को भी मिले, इसके लिए इक्रीसैट जैसी संस्थाओं को अपने प्रयास बढ़ाने होंगे.

Posted By: Mithilesh Jha

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version