इस हादसे में 241 लोगों की जान गई है और 1 गंभीर रूप से घायल है. जिसके बाद अब सवाल आता है कि अगर हादसे में लोगों की मौत होती है तो एयरलाइन की पॉलिसी के हिसाब से लोगों को कितना मुआवजा मिलेगा और यह कौन देगा.
1.4 करोड़ तक मिल सकता है मुआवजा
एयरलाइंस कंपनियों और DGCA की ओर से बनाए गए नियमों के अनुसार अगर कोई यात्री इंटरनेशनल फ्लाइट से सफर कर रहा होता है और उस दौरान उसकी मौत हो जाती है या उसे गंभीर चोट लगती है, तो एयरलाइन को मुआवजा देना पड़ता है. भारत में चल रही इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर Montreal Convention 1999 लागू होता है. यह एक इंटरनेशनल एग्रीमेंट है, जिसे भारत सरकार ने भी माना है. इसके मुताबिक, एयरलाइन को हर पैसेंजर के लिए 1.4 करोड़ रुपये तक का मुआवजा देना होता है (128,821 SDR). अगर यह साबित हो जाए कि हादसा एयरलाइन की गलती से हुआ, तो मुआवजे की रकम और भी ज्यादा हो सकती है.
ये नियम इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर लागू होते हैं, लेकिन DGCA (भारत की नागरिक उड्डयन संस्था) के नियमों के हिसाब से कुछ इंडियन एयरलाइंस घरेलू फ्लाइट्स में भी इसी तरह का मुआवजा देती हैं. यह पैसा एयरलाइन या उसकी इंश्योरेंस कंपनी देती है.
पीड़ितों को बीमा का पैसा भी मिलता है
अगर व्यक्ति ने सफर से पहले ट्रैवल इंश्योरेंस ले रखा है, तो आपको उसका फायदा भी मिल सकता है. कई बीमा कंपनियां ट्रैवल के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को कवर करती हैं. अगर ऐसी किसी घटना में मौत होती है, तो बीमा के तहत परिवार को 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं. अगर कोई स्थायी रूप से विकलांग हो जाए, तो 5 से 10 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है.
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