भारत की परमाणु कंपनियों से पाबंदी हटाएगा अमेरिका, जानिए किसे होगा फायदा?
Indian Nuclear Companies: यह घोषणा पाकिस्तान के लिए भी खास मायने रखती है, क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान की कई परमाणु कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था.
By Aman Kumar Pandey | January 7, 2025 9:56 AM
Indian Nuclear Companies: भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में सुधार के बीच एक महत्वपूर्ण घोषणा हुई है. भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि 1998 में भारत द्वारा पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद जो पाबंदियां लगी थीं, उन्हें अब हटाया जाएगा. यह कदम भारत के लिए एक सकारात्मक खबर है क्योंकि इसके बाद दोनों देशों के बीच परमाणु करार संभव हो पाएंगे. मई 1998 में भारत ने पोखरण परीक्षण किया था, जिसके बाद अमेरिका ने भारत की कई असैन्य परमाणु कंपनियों पर पाबंदियां लगा दी थीं. अब इन पाबंदियों को हटाने की बात अमेरिकी प्रशासन ने की है, जो भारत और अमेरिका के संबंधों के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है.
यह घोषणा पाकिस्तान के लिए भी खास मायने रखती है, क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान की कई परमाणु कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था, साथ ही यह आरोप भी लगाया था कि पाकिस्तान एक ऐसी मिसाइल तैयार कर रहा है जो सीधे अमेरिका को निशाना बना सकती है. पाकिस्तान ने इन आरोपों को नकारते हुए इसे गलत और भारत के खिलाफ की गई कार्रवाई बताया. 1998 के परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए बैन के कारण भारत और अमेरिका के बीच आज तक परमाणु करार नहीं हो सके थे, लेकिन अब पाबंदियां हटने से इन देशों के बीच इस दिशा में कदम बढ़ाने में मदद मिलेगी.
अमेरिका द्वारा पाबंदियां हटाने से कई भारतीय कंपनियां लाभान्वित होंगी, जिनमें सरकारी संस्थाएं भी शामिल हैं. 1998 में जिन कंपनियों पर पाबंदियां लगाई गई थीं, उनमें भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, इंदिरा गांधी सेंटर फॉर एटॉमिक रिसर्च, इंडियन रेयर अर्थ्स और न्यूक्लियर रिएक्टर्स जैसी संस्थाएं शामिल हैं. जेक सुलिवन ने कहा कि आगामी दशक दोनों देशों की कंपनियों के लिए अहम होगा, खासकर सेमीकंडक्टर तकनीक के क्षेत्र में. उन्होंने बताया कि भारत अमेरिका का पहला ऐसा देश होगा, जिसके साथ यह तकनीकी सहयोग किया जाएगा. यह सहयोग भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण साबित होगा.