नयी दिल्ली : नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच समाजसेवी अन्ना हजारे स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अनशन शुरू करने की घोषणा की है. अन्ना हजारे को अनशन पर बैठने से रोकने के लिए केंद्रीय मंत्री समेत कई नेता मनाने में जुट गये हैं.
बताया जाता है कि किसान बाबूराव हजारे उर्फ अन्ना हजारे के आमरण अनशन की घोषणा के बाद केंद्रीय कषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी उन्हें मनाने के लिए आज रालेगणसिद्धि पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र के कई नेता भी पिछले कुछ दिनों में रालेगणसिद्धि पहुंच कर मनाने की कोशिश की है. लेकिन, स्वामीनाथन आयोग और एमएसपी को लेकर अन्ना हजारे अड़े हैं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बातचीत के बाद महाराष्ट्र बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन ने अन्ना हजारे को एक ड्राफ्ट दिया है. ड्राफ्ट देखने के बाद अन्ना हजारे अपनी बात कृषि मंत्री के समक्ष रखेंगे. अगर केंद्र सरकार अन्ना हजारे की सिफारिशों पर तैयार हो जाती है, तो संभावना है कि वह अनशन पर बैठने का फैसला बदल सकते हैं.
मालूम हो कि अन्ना हजारे ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन 30 जनवरी, 2021 से रालेगणसिद्धी के यादवबाबा मंदिर में अनशन शुरू करने की घोषणा की है. कोरोना काल के मद्देनजर उन्होंने अकेले आमरण अनशन की घोषणा की है.
साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि आंदोलन को समर्थन देने के लिए अपने गांव, तहसील और जिलाधिकारी कार्यालय पर शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक तरीके से आंदोलन करें. कोरोना का संकट अभी टला नहीं है. इसलिए रालेगणसिद्धी समेत अन्य जगहों पर भीड़ ठीक नहीं.
अन्ना हजारे ने कहा है कि पिछले चार सालों से किसानों की मांगों पर मैं आंदोलन कर रहा हूं. कई बार प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री के साथ पत्राचार के बावजूद लगता है कि किसानों के मुद्दे पर सरकार उचित निर्णय नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा है कि 23 मार्च, 2018 को दिल्ली के रामलीला मैदान पर अनशन पर बैठा था. प्रधानमंत्री कार्यालय ने 29 मार्च, 2018 को लिखित आश्वासन दिया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें, कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा व स्वायत्तता देना और कृषि उपज को लागत मूल्य पर 50 फीसदी बढ़ा कर सी-2 में 50 प्रतिशत मिलाकर एमएसपी देने के बारे में उच्चाधिकार समिति का गठन किया जायेगा. लेकिन, सरकार ने आश्वासन का अनुपालन नहीं किया.
इसके बाद 30 जनवरी, 2019 को रालेगणसिद्धी में अनशन पर बैठा. इसके बाद पांच फरवरी, 2019 को केंद्रीय कृषि मंत्री और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने रालेगणसिद्धी में छह घंटे तक चर्चा की. इसके बाद फिर मुझे लिखित आश्वासन दिया गया. लेकिन, आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
अन्ना हजारे ने कहा है कि केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं. लेकिन, वास्तविकता है कि इस पर अमल नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा है कि जब तक किसानों को कृषि उपज के लागत मूल्य पर आधारित सी-2 नहीं मिलेंगे, तब तक किसानों को राहत नहीं मिलेगी.
सी-2 में कृषि उपज में आये खर्च में किसान और उसके परिवार का श्रम मूल्य, यंत्र का खर्च, बीज, खाद, बिजली, सिंचाई, लैंड रेवेन्यू, कीटनाशक, तृणनाशक, जुताई, हार्वेस्टिंग आदि का पूरा खर्च शामिल किया जाता है.
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