आमतौर पर आपने पुराने चीजों के नीलामी की खबर सुनी और पढ़ी होगी. लोग चीजों को खरीदने के लिए लाखों रुपये खर्च भी करते है. लेकिन क्या आपको लगता है कि 40 साल से भी ज्यादा पुराने एक कागज के टुकड़े को करोड़ों में खरीदा जाएगा वह भी एक विज्ञापन. अगर नहीं, तो आप गलत सोच रहे है. आपको बता दें कि बोस्टन स्थित आरआर ऑक्शन के अनुसार, एप्पल के इतिहास का एक दुर्लभ टुकड़ा एक नीलामी में 175,759 डॉलर यानि की करीब 1.5 करोड़ में बेचा गया है.
जी हां, खास बात यह है कि यह विज्ञापन कोई आम विज्ञापन नहीं बल्कि, प्रसिद्ध स्टीव जॉब्स के द्वारा खुद हाथों से लिखा गया Apple-1 कंप्यूटर के लिए विज्ञापन है.विज्ञापन शीट पर जॉब्स के पूरे हस्ताक्षर छोटे अक्षरों में “स्टीवन जॉब्स” लिखे हुए है. साथ ही इसमें संपर्क जानकारी शामिल है, जिसमें उनके माता-पिता के घर का पता और फोन नंबर शामिल है. विज्ञापन शीट पर जॉब्स के पूरे हस्ताक्षर छोटे अक्षरों में “स्टीवन जॉब्स” अंकित हैं. इसमें संपर्क जानकारी शामिल है, जिसमें उनके माता-पिता के घर का पता और फोन नंबर शामिल है – ऐतिहासिक रूप से, ऐप्पल कंप्यूटर कंपनी का मूल मुख्यालय.
ड्राफ्ट अभूतपूर्व Apple-1 की तकनीकी विशिष्टताओं पर प्रकाश डालता है, जिसे 6800, 6501, या 6502 माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया था. साथ ही उस विज्ञापन में स्टीव जॉब्स बुनियादी सॉफ़्टवेयर की उपलब्धता के कारण 6501 या 6502 की अनुशंसा करते हैं.
उन्होंने एज कनेक्टर के माध्यम से 65K तक पूर्ण विस्तार के लिए Apple-1 की क्षमता को भी नोट किया है, जिसमें 8K रैम के लिए 16 सहित 58 एकीकृत सर्किट हैं. दिलचस्प बात यह है कि मसौदे में “बेसिक ऑन द वे (ROM)” का उल्लेख किया गया है, एक अवधारणा जो अंततः Apple-1 के बजाय Apple II में साकार होगी.
शायद सबसे आकर्षक वह मूल्य बिंदु है जिसे जॉब्स ने ड्राफ्ट में उद्धृत किया है: “केवल बोर्ड + मैनुअल” के लिए मामूली $75, जिसे वह “वास्तविक सौदा” मानते हैं. हस्तलिखित विज्ञापन Apple-1 के मूल विज्ञापन से मेल खाता है, जो शुरू में इंटरफ़ेस मैगज़ीन के जुलाई 1976 संस्करण में प्रकाशित हुआ था. यह एक साधारण गैरेज-आधारित स्टार्टअप से दुनिया के सबसे प्रभावशाली और मूल्यवान निगमों में से एक के रूप में विकसित होने तक ऐप्पल की यात्रा का प्रारंभिक सार्वजनिक कदम था.
एप्पल कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने इनोवेशन के जरिए वो आने वाले दशकों तक करोड़ों दिलों में राज करेंगे. स्टीव जॉब्स का जन्म 24 फरवरी 1955 को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में हुआ था और कैंसर की बीमारी से पीड़ित जॉब्स की मृत्यु 5 अक्टूबर 2011 को हुई थी. जॉब्स 12 जून 2005 को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोग्राम में शामिल हुए जहां उन्होंने अपने जीवन का सबसे प्रसिद्ध भाषण “Stay Hunger Stay Foolish” दिया.
स्टीव जॉब्स ने अपनी सोच से बिजनेस, इनोवेशन, मैनेजमेंट और भविष्य को देखने की अंतर्दृष्टि को बदल दिया. वो जब तक जिए काम करते रहें. बता दें कि 5 अक्टूबर 2011 को पैन्क्रीऐटिक कैंसर (Pancreatic cancer) के कारण स्टीव जॉब्स की मृत्यु हो गई.
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