पीएम मोदी ने 12 चीतों के कूनो नेशनल पार्क पहुंचने पर जताई खुशी, ट्वीट कर कह दी बड़ी बात

Kuno National Park: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों के मध्य प्रदेश आने से भारत की वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिला है. उल्लेखनीय है कि ये 12 चीते कल मध्य प्रदेश पहुंचे और उन्हें श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में अलग-अलग बाड़ों में छोड़ दिया गया.

By Agency | February 19, 2023 12:01 PM
feature

Kuno National Park MP: देश में चीतों के घटते पॉपुलेशन को ध्यान में रखते हुए ‘प्रोजेक्ट चीता’ की शुरुआत की गयी है. इस प्रोजेक्ट के तहत अन्य देशों से चीतों को लाकर भारत में लाकर छोड़ा जा रहा है. बता दें दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान कल सुबह मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचा. यहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) ले जाकर अलग-अलग बाड़ों में छोड़ा गया. वायुसेना का विमान चीतों को लेकर सुबह करीब 10 बजे ग्वालियर हवाई अड्डे पर उतरा. 12 चीतों का यह दूसरा जत्था केएनपी ले जाया जा रहा है इनमें 7 नर और 5 मादा चीते शामिल हैं. बता दें इससे पहले पिछले साल सितंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केएनपी में एक समारोह में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों के पहले जत्थे को बाड़ों में छोड़ा था.

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों के मध्य प्रदेश आने से भारत की वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिला है. उल्लेखनीय है कि ये 12 चीते कल मध्य प्रदेश पहुंचे और उन्हें श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में अलग-अलग बाड़ों में छोड़ दिया गया. पांच महीने पहले एक अन्य अफ्रीकी देश नामीबिया से आठ चीते लाए गए थे. मध्य प्रदेश में चीतों के पहुंचने से संबंधित पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के एक ट्वीट को टैग करते हुए मोदी ने ट्विटर पर लिखा- इस घटनाक्रम से भारत की वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिला है. यादव ने कल एक ट्वीट किया था और उसमें लिखा था- स्वागत है, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुरू किया गया प्रोजेक्ट चीता आज कूनो नेशनल पार्क में एक और मील के पत्थर पर पहुंच गया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में 12 चीतों को बाड़ों में छोड़ा गया.


1947 में आखिरी चीते की मौत

भारत में अंतिम चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था. भारत में चीतों को फिर से बसाने के उद्देश्य से ‘प्रोजेक्ट चीता’ की शुरुआत की गई थी. इसके तहत पहले नामीबिया से और अब दक्षिण अफ्रीका से चीतों को यहां लाया गया है. इससे पहले, पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केएनपी में एक समारोह के दौरान नामीबिया से लाए गए 8 चीतों के पहले जत्थे को बाड़ों में छोड़ा था.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version