क्या मिलेगा 5 रुपये में?
इन अटल कैंटीनों में मिलने वाले भोजन में रोटी, दाल, चावल और सब्जी की थाली होगी, जिसे सुबह और दोपहर के समय परोसा जाएगा. योजना का मकसद उन लोगों को राहत देना है जो रोज़ की कमाई पर निर्भर रहते हैं और महंगे भोजन के चलते कभी-कभी भूखे रहने को मजबूर हो जाते हैं.
कहां-कहां खुलेंगी कैंटीन?
सरकार इन कैंटीनों को खासतौर पर झुग्गी-झोपड़ी इलाकों, निर्माण स्थलों, बस स्टैंडों और बाज़ारों के आसपास स्थापित करेगी, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोग इसका लाभ उठा सकें. कैंटीनों का संचालन स्वयं सहायता समूहों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से किया जाएगा, जिन पर स्वच्छता और समयबद्ध सेवा की विशेष जिम्मेदारी होगी.
इस योजना को 2025-26 के बजट में शामिल करते हुए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. दिल्ली सरकार की यह पहल हरियाणा की ‘अटल किसान-मजदूर कैंटीन’ और तमिलनाडु की ‘अम्मा कैंटीन’ से प्रेरित है, जहां पहले से ही बेहद कम कीमत पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
17 सितंबर को हो सकता है उद्घाटन
इस योजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन, यानी 17 सितंबर 2025, को किया जा सकता है. यह कैंटीन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में शुरू की जा रही हैं, जिनका नाम इस योजना से जोड़ा गया है.
सीएम रेखा गुप्ता का बयान
शालीमार बाग में एक स्वचालित रोटी बनाने वाली मशीन के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी व्यक्ति दिल्ली में भूखा न सोए. अटल कैंटीन केवल एक भोजन योजना नहीं, बल्कि सामाजिक समावेशन और समानता की दिशा में एक मजबूत कदम है.” उन्होंने बताया कि ऐसी मशीनें इन कैंटीनों में भोजन तैयार करने में मदद करेंगी, जिससे शुद्धता और समय की बचत सुनिश्चित की जा सकेगी.