सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
अतुल सुभाष का मामला सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों पर सावधानी बरतने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में पति के रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों को फंसाने की प्रवृत्ति को पहचान कर परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि पति के सगे-संबंधियों को फंसाने की प्रवृत्ति को देखते हुए निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए.
अदालतों को सावधानी बरतनी चाहिए- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी तेलंगाना हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज करते हुए आई है जिसमें एक व्यक्ति, उसके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायिक अनुभव से यह पता है कि वैवाहिक विवाद होने पर अक्सर पति के सभी परिजनों को फंसाने की प्रवृत्ति होती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यापक सबूतों के बिना सिर्फ आरोप के आधार पर आपराधिक अभियोजन नहीं बनाया जा सकता. ऐसे मामलों में अदालतों को कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग रोकने और परिवार के निर्दोष सदस्यों को अकारण परेशानी से बचाने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.
अतुल ने तंग आकर कर ली खुदकुशी
बता दें, सोमवार को बेंगलुरु में एक इंजीनियर अतुल सुभाष ने सुसाइड कर लिया था. खुदकुशी करने से पहले अतुल ने 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो और एक 24 पन्ने का सुसाइड नोट लिखा था. सुभाष ने खुदकुशी के लिए अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, अपनी सास, साले और चचेरे ससुर को जिम्मेदार बताया. अतुल सुभाष पर फैमिली कोर्ट में भरण पोषण, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और तलाक के चार मामले चल रहे थे. अतुल को अक्सर तारीख पर कोर्ट आना पड़ता था. इस सबसे तंग आकर अतुल ने खुदकुशी कर ली.
पत्नी निकिता सिंघानिया पर मामला दर्ज
अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में बेंगलुरु पुलिस ने उसके भाई विकास कुमार की शिकायत पर पत्नी निकिता सिंघानिया सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 108 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है. साथ ही पुलिस पूरे मामले की जांच भी कर रही है.
24 पन्ने का सुसाइड नोट, 1 घंटे का वीडियो मैसेज, पत्नी से परेशान होकर सुसाइड करने वाले AI इंजीनियर की कहानी रुला देगी