Ayodhya Ram Mandir: इंतजार खत्म, 5 जून को बनकर तैयार हो जाएगा राम मंदिर, एक साथ कई स्वरुप के होंगे दर्शन
Ayodhya Ram Mandir: राम भक्तों का सपना जल्द साकार होने वाला है. 5 जून को अयोध्या राम मंदिर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाएगा. इसकी जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को दी. राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद भक्त एक साथ कई मंदिरों के दर्शन कर पाएंगे.
By ArbindKumar Mishra | April 29, 2025 6:16 PM
Ayodhya Ram Mandir: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया, “राम मंदिर निर्माण पूरा होने के दिन यानी 5 जून के एक-दो दिन बाद भक्तगण परिसर में स्थित सभी अलग-अलग मंदिरों में दर्शन के लिए जा सकेंगे.” नृपेंद्र मिश्र ने बताया, “मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, श्री वशिष्ठ जी, अहिल्या जी, निषादराज महाराज, शबरी माता और अगस्त्य मुनि के मंदिर भी 5 जून के बाद जनता के लिए खुल जाएंगे. राम दरबार और मंदिर के परकोटे पर बने छह मंदिरों की पूजा 5 जून को होगी. चंपत राय जी 5 जून के लिए विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा करेंगे.”
मंदिर में 99 प्रतिशत काम पूरा : नृपेंद्र मिश्र
नृपेंद्र मिश्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में बताया, “मंदिर में 99 प्रतिशत काम पूरे हो चुके हैं. राम लला का मंदिर तो पहले ही बनकर तैयार हो गया था. आज गुंबद में ध्वज दंड लग गया. यह एक प्रकार की घोषणा है कि शिखर का काम पूरा हो गया. मंदिर के सभी निर्माणकार्य पूरे हो चुके हैं. मंदिर के प्रथम तल पर अब पूरी तैयारी है कि राम दरबार स्थापित हो जाए. 23 मई को राजा राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्ति स्थापित की जाएगी.”
#WATCH | Chairman of Construction Committee of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra, Nripendra Mishra says, "The temples of Maharishi Valmiki, Shri Vashisht ji, Ahilya ji, Nishadraj Maharaj, Shabri Mata and Agstya Muni in the temple premises will also be open to the public after… pic.twitter.com/NKxyxu2SoX
राम मंदिर निर्माण के दौरान आने वाली चुनौतियों पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, “टीमवर्क ने हमें सभी चुनौतियों का समाधान दिया है.” हम हर दिन चुनौतियों का सामना करते हैं और उनका समाधान ढूंढते हैं. मैं न्यास को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने आर्थिक बाधाओं को आड़े नहीं आने दिया. इंजीनियरिंग और डिजाइन एक चुनौती थी, क्योंकि हमसे एक ऐसा मंदिर बनाने की उम्मीद की जा रही थी जो अगले 1000 सालों तक किसी भी तरह की आपदा का सामना कर सके.”