वहीं सरकार का कहना है कि किसान की मांग जायज नहीं है. तीन कृषि कानून किसानों के हित के लिए है. इसी को लेकर सरकार और किसानों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन हर बार नतीजा सिफर रहा है. किसान दिल्ली के बार्डर पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
पंजाब में धरने का कोई ओचित्य नहीं: वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि आंदोलन से किसानों को ही नुक्सान ज्यादा हो रहा है. उन्होंने कहा कि किसान कोई बड़े औद्योगिक घरानों से नहीं हैं. से में आंदोंलन से किसानों को ही नुक्सान ज्यादा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हमेशा किसानों का साथ दिया है. लेकिन आंदोलन को लेकर पंजाब में धरने का कोई ओचित्य नहीं है.
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गौरतलब है कि किसानों बीते कई महीनों से आंदोलनरत हैं. अपने आंदोलन के दौरान उन्होंने रेलवे से लेकर सड़क जाम किया. जिससे आम लोगों को भी काफी परेशानी हुआ. इधर किसानों को सड़क जाम को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने केंद्र सरकार के साथ दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई और राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी कर किसान आंदोलन पर रिपोर्ट मांगी है.
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Posted by: Pritish Sahay