इस केस में अब कुछ नहीं बचा- सुप्रीम कोर्ट: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात दंगों के 9 में से 8 मामलों के ट्रायल खत्म हो गया है. ऐसे में कोर्ट ने कहा है कि अब इस मामले में कुछ भी नहीं बचा है. वहीं, कोर्ट ने ये भी कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े अवमानना का मामला को भी अब बंद किया जा रहा है. उच्चतम न्यायालय ने कार्यकर्ता एवं वकील प्रशांत भूषण और पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ 2009 में न्यायपालिका के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर दर्ज अवमानना का मामला बंद कर दिया है.
माफी मांगने के बाद बंद हुआ केस: सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल के माफी मांगने की जानकारी दिए जाने के बाद मामले में कार्यवाही बंद कर दी है. पीठ ने कहा, अवमाननाकर्ताओं के क्षमा याचना को देखते हुए हम अवमानना के लिए दर्ज मामले पर आगे बढ़ना जरूरी नहीं समझते हैं. अवमानना की कार्यवाही खत्म की जाती है.
क्या था पूरा मामला: शीर्ष अदालत ने नवंबर 2009 में एक समाचार पत्रिका को दिए इंटरव्यू में उच्चतम न्यायालय के कुछ मौजूदा और पूर्व न्यायाधीशों पर कथित रूप से आरोप लगाया था. जिसके बाद प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल को अवमानना नोटिस जारी किया गया था. तरुण तेजपाल उस समय संबंधित पत्रिका के संपादक थे. वहीं भूषण ने 2009 के अवमानना मामले के जवाब में सर्वोच्च अदालत से कहा था कि न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से अदालत की अवमानना का मामला नहीं बनता और केवल भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से अदालत की अवमानना नहीं हो सकती.
भाषा इनपुट के साथ
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