शहरी इलाकों में बीजेपी का दबदबा
गुजरात में इससे पहले के विधानसभा चुनावों के पैटर्न पर नजर डालने पर पता चलता है कि शहरी क्षेत्र के लोग भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पसंद करते आए हैं. दरअसल, राज्य में शहरी सीटों पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है. 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त टक्कर दी थी और पार्टी को 77 सीटें ही हासिल हुई थी. जबकि, बीजेपी ने 99 सीटों पर कब्जा जमाया था. हालांकि, 2017 के चुनाव में गुजरात की 73 शहरी सीटों में कांग्रेस पार्टी को महज 17 सीट जीतने में कामयाबी मिली थी. वहीं, 73 में से बीजेपी को 56 सीटें हासिल हुई. वहीं, कांग्रेस ने 2012 के चुनाव में 14 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को गुजरात में सरकार बनाने के लिए शहरी सीटों में बीजेपी के वर्चस्व को तोड़ना होगा.
शहरी सीटों पर नए मतदाता निभा सकते हैं महत्वपूर्ण भूमिका
2017 और 2022 में गुजरात में नए मतदाताओं की संख्या बढ़ी है. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच सालों में 20 में से 12 शहरी इलाकों में विधानसभा क्षेत्रों में नए मतदाताओं की तादात बढ़ी है. नए मतदाताओं के बढ़ने का कारण बाहर से आए लोग हो सकते हैं. इसके अलावा, गुजरात के शहरों में पिछले कुछ सालों में कई बड़ी परियोजनाएं शुरू हुई हैं, जिनमें राज्य का बुनियादी ढांचा, उद्योग एवं परिवहन शामिल हैं. बीजेपी इस चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए विकास के मुद्दे को बार-बार दोहरा रही है. बताते चलें कि गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में 89 सीटों के लिए 1 दिसंबर को और दूसरे चरण के लिए 5 दिसंबर को मतदान होंगे. जबकि, चुनाव के परिणाम 8 दिसंबर को आएंगे.
Also Read: Gujarat Election: हार्दिक पटेल बोले- राहुल गांधी के पास गुजरात का कोई विजन नहीं, यात्रा में हैं व्यस्त