BJP: राहुल गांधी के वाड्रा के बचाव में उतरने के बाद भाजपा हमलावर है. भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी अपने संवैधानिक पद का दुरुपयोग कर परिवार के हितों की रक्षा कर रहे हैं. यही नहीं गांधी परिवार की सदस्य प्रियंका गांधी के छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे का बचाव करने को लेकर भी भाजपा आक्रामक है. भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का पहला परिवार खुद भ्रष्टाचार से घिरा हुआ है और वह पार्टी के भ्रष्ट नेताओं का बचाव करने के लिए मजबूर है.
शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने वाड्रा मामले में राहुल गांधी के बयान पर हमला करते हुए कहा कि भाई लोकसभा में, मां राज्यसभा में, बहन लोकसभा में और जमीन का मालिकाना हक जीजा रॉबर्ट वाड्रा के पास है. इससे साफ जाहिर होता है कि गांधी परिवार के पास भले ही राजनीतिक ताकत हो या नहीं लेकिन किसानों की जमीन पर परिवार का अधिकार होना चाहिए. इसके लिए कांग्रेस देश को भाषा, क्षेत्र. धार्मिक और जाति आधार पर बांटने के लिए तैयार हैं.
विपक्ष के नेता या फिर परिवार के सदस्य के तौर पर दिया बयान
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा का बचाव विपक्ष के नेता के तौर पर किया या परिवार के सदस्य के तौर पर. अगर विपक्ष के नेता के तौर पर उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा के पक्ष में बयान दिया तो यह संवैधानिक पद का दुरुपयोग है. इससे जाहिर होता है कि विपक्ष के नेता के लिए संवैधानिक पद की मर्यादा से अधिक परिवार के हित की रक्षा करना जरूरी है. हालांकि अभी तक राहुल गांधी और कांग्रेस रॉबर्ट वाड्रा का खुलकर बचाव करने से परहेज करते रहे. लेकिन पहली बार राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस खुलकर वाड्रा के बचाव में उतर गयी है.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी ने एक पोस्ट में रॉबर्ट वाड्रा को अपना बहनोई कहकर संबोधित किया था और सरकार पर उनके खिलाफ जासूसी का आरोप लगाया था. राहुल गांधी के लिए यह मुद्दा पारिवारिक है ना कि राजनीतिक. राहुल गांधी भ्रष्टाचार के माध्यम से जुटाई गई वाड्रा की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए आगे आए हैं, जबकि वे खुद भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर है. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के दलों के लिए विश्वास की कमी साफ तौर पर दिखायी दे रही है. इंडिया गठबंधन से आम आदमी पार्टी ने खुद को अलग कर लिया है और तृणमूल कांग्रेस का रवैया भी काफी अलग है. आने वाले समय में कई घटक दल इससे अलग होंगे.