BRICS : कोई भी देश हमारे साथ खड़ा नहीं होता, ब्रिक्स पर पूछे गए सवाल पर बोले संजय राउत
BRICS : प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता है.’’ इस बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बारे में पूछे गए सवाल पर संजय राउत ने पीएम मोदी पर तंज कसा है.
By Amitabh Kumar | July 7, 2025 11:33 AM
BRICS : ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहलगाम हमले पर चर्चा के बारे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत से सवाल किया गया. जवाब में उन्होंने कहा, “ये शिखर सम्मेलन होते रहते हैं, प्रधानमंत्री जाते हैं, बोलते हैं, लेकिन कोई भी देश हमारे साथ खड़ा नहीं होता. पाकिस्तान को यूएन, तुर्की, चीन, अजरबैजान का समर्थन मिला. मोदी जी दौरे कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि कौन से देश हमारे साथ खड़े हैं.” देखें संजय राउत का ये वीडियो.
VIDEO | When asked about discussion on Pahalgam attack at the BRICS Summit, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut (@rautsanjay61) says, "These summits keep on happening, the PM goes, speaks, but no country stands with us. Pakistan got support of the UN, Türkiye, China, Azerbaijan.… pic.twitter.com/qRKRbh0dF5
ब्रिक्स समूह ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ “कतई बर्दाश्त न करने” की नीति अपनाने पर जोर दिया. समूह ने भारत के इस रुख का समर्थन किया कि आतंकवाद से मुकाबले में दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए. ब्राजील के समुद्री शहर में हो रहे दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के पहले दिन, ब्रिक्स नेताओं ने सीमा पार से हो रही आतंकी गतिविधियों सहित आतंकवाद से निपटने के लिए सख्त और एकजुट रुख अपनाने की बात कही.
आतंकवाद को लेकर क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और आतंकवाद को समर्थन देने वालों को एक जैसे नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में किसी को भी हिचकिचाना नहीं चाहिए. शांति और सुरक्षा पर हुए सत्र में मोदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भारत की आत्मा, पहचान और सम्मान पर सीधा हमला बताया. उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर था.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद की निंदा करना हमारा ‘सिद्धांत’ होना चाहिए, न कि केवल सहूलियत.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम पहले यह देखें कि हमला किस देश में हुआ, किसके खिलाफ हुआ तो यह मानवता के साथ विश्वासघात करना होगा.’’