Cabinet: सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना को मिली मंजूरी 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में छठी सेमीकंडक्टर यूनिट की मंजूरी दी है. यह संयंत्र डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगा, जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पर्सनल कंप्यूटर और अन्य अनेक उपकरणों में प्रयुक्त होता है.

By Anjani Kumar Singh | May 14, 2025 7:39 PM
an image

Cabinet: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत एक और सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना की मंजूरी दी है. यह संयंत्र डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगा, जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पर्सनल कंप्यूटर और दूसरे अनेक उपकरणों में प्रयुक्त होता है. संयंत्र की क्षमता प्रति माह 20,000 वेफ़र (स्लाइस या सब्सट्रेट ) और 36 मिलियन यूनिट उत्पादन की डिजाइन क्षमता पर आधारित होगी. कुल 3,700 करोड़ रुपये के निवेश से इसे स्थापित किया जाएगा. 

एक दिन पहले ही यानी मंगलवार को जापान की दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ने नोएडा में अपने अत्याधुनिक चिप डिजाइन सेंटर की शुरुआत की. खास बात यह है कि यहां विश्व की सबसे एडवांस 3 नैनोमीटर की चिप को डिजाइन किया जाएगा, तथा दुनिया में केवल गिनी-चुनी कंपनियों और देशों में ही इस अत्याधुनिक तकनीक पर कार्य हो रहा है.

एचसीएल और फॉक्सकॉन का है संयुक्त उद्यम


देश में पहले से ही पांच सेमीकंडक्टर इकाइयां निर्माण के उन्नत चरणों में हैं. इस छठी इकाई के साथ, भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने की दिशा में और प्रगति कर रहा है. आज स्वीकृत इकाई एचसीएल और फॉक्सकॉन का एक संयुक्त उद्यम है. हार्डवेयर विकसित करने और निर्माण करने का एचसीएल का लंबा अनुभव रहा है. फॉक्सकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में एक वैश्विक प्रमुख कंपनी है. दोनों मिलकर यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) में जेवर हवाई अड्डे के पास एक संयंत्र स्थापित करेंगे. यह संयंत्र मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और डिस्प्ले संबंधी अन्य उपकरणों के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगा. इस संयंत्र को 20,000 वेफर्स प्रति माह के अनुसार से डिजाइन किया गया है और इसकी डिजाइन आउटपुट क्षमता 36 मिलियन यूनिट प्रति माह है.

पूरे देश में विस्तारित हो रहा है सेमीकंडक्टर उद्योग 

भारत में लैपटॉप, मोबाइल फोन, सर्वर, चिकित्सा उपकरण, बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के तेजी से विकास के साथ सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है, यह नयी इकाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को और आगे बढ़ाएगी. सेमीकंडक्टर उद्योग अब पूरे देश में विस्तारित हो रहा है. देश भर के कई राज्यों में विश्व स्तरीय डिजाइन सुविधाएं उपलब्ध हैं. राज्य सरकारें डिजाइन फर्मों को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास कर रही हैं. 270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप में छात्र और उद्यमी नए उत्पादों के विकास के लिए विश्व स्तरीय नवीनतम डिजाइन तकनीकों पर काम कर रहे हैं. 

इन शैक्षणिक संस्थानों द्वारा विकसित 20 उत्पादों को एससीएल मोहाली द्वारा टेप आउट(डिजाइन चरण-आवश्यक सत्यापन और मान्यता चरण को पूरा करने की प्रक्रिया) किया गया है. इस स्वीकृत नई सेमीकंडक्टर इकाई पर अनुमानित निवेश 3,700 करोड़ रुपये है. भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपनी सुविधाएं स्थापित की हैं. एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च दो सबसे बड़े उपकरण निर्माता हैं और इन दोनों की अब भारत में उपस्थिति है. मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आईनॉक्स और कई अन्य गैस और रासायनिक आपूर्तिकर्ता हमारे सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए पूरी तरह तैयार है. 

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version