Kiru Hydropower Corruption Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने किरू जलविद्युत परियोजना में 2200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और 5 अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. सीबीआई ने 3 साल की जांच के बाद सभी को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल किया है.
चार्जशीट के बाद आई मलिक की प्रतिक्रिया
सीबीआई चार्जशीट के बाद पूर्व राज्यपाल मलिक की पहली प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह अस्पताल में भर्ती हैं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि उन्हें कई शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, जिन्हें उठाने में वह असमर्थ हैं.
नमस्कार साथियों।
— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) May 22, 2025
मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फ़ोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं।अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं फिलहाल राममनोहर लोहिया अस्पताल दिल्ली में भर्ती हूं ओर किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। #satyapalmalik
संपर्क सूत्रks Rana -+91 93105 33211 pic.twitter.com/7oMJfHA9H4
सत्यपाल मलिक ने अस्पताल वाली तस्वीर शेयर की
सत्यपाल मलिक ने एक्स पर अपनी एक तस्वीर पोस्ट की. जिसमें वे अस्पताल में नजर आ रहे हैं. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, “नमस्कार साथियों. मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं. अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं फिलहाल राममनोहर लोहिया अस्पताल दिल्ली में भर्ती हूं ओर किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं. उन्होंने संपर्क सूत्र का नंबर दिया.
क्या है मामला?
सीबीआई ने पिछले वर्ष फरवरी में मामले के सिलसिले में मलिक और अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने 2022 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह मामला 2019 में ‘किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर’ (एचईपी) परियोजना के सिविल कार्यों के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के ठेके को एक निजी कंपनी को देने में कथित गड़बड़ी से संबंधित है. मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे. मलिक ने दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित एक फाइल सहित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.
सत्यपाल मलिक ने आरोपों से किया इनकार
एजेंसी द्वारा पिछले वर्ष छापेमारी किये जाने के बाद मलिक ने उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया था. मलिक ने कहा था कि जिन लोगों के बारे में उन्होंने शिकायत की थी और जो भ्रष्टाचार में शामिल थे, उनकी जांच करने के बजाय सीबीआई ने उनके आवास पर छापा मारा. पूर्व राज्यपाल ने पोस्ट में कहा था, “उन्हें (सीबीआई अधिकारियों को) चार से पांच कुर्ते और पायजामा के अलावा कुछ नहीं मिलेगा. तानाशाह सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर मुझे डराने की कोशिश कर रहा है. मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं न तो डरूंगा और न ही झुकूंगा.”
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