मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेघालय के 21वें राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल थे, तो संघ और बड़े औद्योगिक घरानों की फाइल क्लियर करने के बदले 300 करोड़ रुपये के रिश्वत की पेशकश की गई थी. हालांकि, उन्होंने फाइल क्लियर करने के बाद रिश्वत लेने से इनकार कर दिया था और उन सौदों को ही रद्द कर दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने, तब उनके पास दो फाइलें आई थीं. एक फाइल में अंबानी शामिल थे, जबकि दूसरी फाइल में आरएसएस के एक बड़े अफसर और महबूबा सरकार में मंत्री से जुड़ी थी. ये नेता खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बताते थे. राज्यपाल ने कहा था कि जिन विभागों की ये फाइलें थीं, उनके सचिवों ने उन्हें बताया था कि इन फाइलों में घपला है और सचिवों ने उन्हें यह भी बताया कि इन दोनों फाइलों में उन्हें 150-150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं, लेकिन उन्होंने इन दोनों फाइलों से जुड़ी डील को रद्द कर दिया था.
Also Read: योगगुरु बाबा रामदेव पैसा कमाने के लिए दे रहे हैं भरपूर मौका, 24 मार्च तक ही उठा सकते हैं इसका लाभ
सत्यपाल मलिक ने कहा था कि मैं दोनों फाइलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया. मैंने उन्हें बताया कि इस फाइल में घपला है, ये-ये लोग इसमें इनवॉल्व हैं. ये आपका नाम लेते हैं, आप बताएं कि मुझे क्या करना है. मैंने उनसे कहा कि फाइलों को पास नहीं करूंगा, अगर करवाना है तो मैं पद छोड़ देता हूं, दूसरे से करवा लीजिए. मैं प्रधानमंत्री की तारीफ करूंगा, उन्होंने मुझसे कहा कि सत्यपाल करप्शन पर कोई समझौता नहीं करने की जरूरत है.