Ceasefire: आधा भारत नहीं जानता है क्या होता है सीजफायर, क्यों जरूरी होता है युद्ध के समय

Ceasefire: भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि शनिवार को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई थी. बैठक में फैसला लिया कि आज शाम 5 बजे से दोनों देशों के बीच सीज फायर लागू होगा. इसके बाद दोनों देश थल, जल और वायु से एक दूसरे पर हमला रोक देंगे.

By Abhishek Pandey | May 10, 2025 7:14 PM
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Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए दोनों देशों ने सीजफायर यानी युद्धविराम पर सहमति जता दी है. इस बात की पुष्टि खुद अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है. उन्होंने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इस फैसले की जानकारी साझा की. ट्रंप ने बताया कि बीते 48 घंटों के दौरान उन्होंने और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने भारत और पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व से सीधे संवाद किया, जिसके बाद यह संघर्षविराम समझौता संभव हो सका.

भारत की ओर से विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारत और पाकिस्तान ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलीबारी रोकने पर सहमति बना ली है और यह सीजफायर तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है.

क्या होता है सीजफायर?

सीजफायर का मतलब होता है . “गोलीबारी बंद करना”. यह एक अस्थायी या स्थायी समझौता हो सकता है, जिसमें दो या अधिक पक्ष यह तय करते हैं कि वे अब एक-दूसरे पर हमला नहीं करेंगे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीजफायर को युद्धविराम के नाम से भी जाना जाता है. यह आमतौर पर तब लागू होता है जब संघर्षरत पक्ष आपसी बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहते हैं या फिर किसी तीसरे देश या संस्था की मध्यस्थता से तनाव को कम करना चाहते हैं.

भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर तनाव बना रहता है, जहां गोलीबारी और घुसपैठ की घटनाएं आम हैं. 2003 में दोनों देशों के बीच पहली बार औपचारिक सीजफायर समझौता हुआ था, लेकिन समय-समय पर इसका उल्लंघन होता रहा है. हालिया सीजफायर को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें अमेरिका जैसे वैश्विक ताकतवर देश की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आई है.यह समझौता ना सिर्फ दोनों देशों के बीच शांति बहाली की उम्मीद जगाता है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लाखों नागरिकों को भी राहत की सांस देता है. अब देखना यह होगा कि यह युद्धविराम कितना स्थायी साबित होता है.

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