दो चरणों में जनगणना करवाई जाएगी
जनगणना को दो फेज में बांटा गया है. पहला फेज अक्टूबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद जताई गई है. वहीं जनगणना का दूसरा और आखिरी फेज मार्च 2027 तक पूरा हो जाएगा. 1 मार्च 2027 की आधी रात तक रिकॉर्ड डेटा को आखिरी डेटा माना जाएगा. मतलब 1 मार्च तक जितना डेटा सरकार द्वारा इकट्ठा किया जाएगा, उसे ही आधिकारिक तौर पर रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया जाएगा. साथ ही इसके बाद आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया जाएगा.
इन राज्यों में पहले करवाई जाएगी जनगणना
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में जनगणना की प्रक्रिया सबसे पहले होगी. यहां अक्टूबर 2026 तक पूरी हो जाएगी. इन क्षेत्रों में भौगोलिक हालात को देखकर यह फैसला लिया गया है. बाकी राज्यों में जनगणना की प्रक्रिया मार्च 2027 तक चलेगी.
कब किया जाएगा जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक
डेटा के इकट्ठा हो जाने के बाद दिसंबर 2027 में इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा. जिसके बाद 2028 में लोकसभा और राज्य सभा में सीटों का परिसीमन शुरू होने की उम्मीद है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसी समय महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण भी लागू किया जा सकता है.
कितने सालों में होती है जनगणना?
भारत में हर 10 साल में जनगणना होती है. इसका उद्देश्य होता है देश की जनसंख्या, सामाजिक और आर्थिक हालात जैसे जरूरी आंकड़े जुटाना. यह काम गृह मंत्रालय के तहत आने वाला रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त का दफ्तर करता है. 2021 में जनगणना होनी थी इसलिए यह प्रक्रिया अब 2025 में शुरू होगी. साथ ही जनगणना के चक्र में बदलाव किया गया है. अब अगली जनगणना 2035 में कराई जाएगी.
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