इस विरोध प्रदर्शन के बाद भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने परीक्षा लेने वाली संस्था को पैसा संग्रह करने वाली कंपनी में बदलने का काम किया है. भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्या ने सोमवार को मोर्चा की राज्य इकाई द्वारा मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए आयोजित एक विरोध प्रदर्शन रैली को संबोधित किया और कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया.
सीजीपीएससी की पहचान पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए है
भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्या ने कहा कि राज्य में सीजीपीएससी की पहचान पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए है, लेकिन छत्तीसगढ़ में पिछले तीन-चार वर्षों में उम्मीदवारों के चयन को देखकर मैं कह सकता हूं कि सीजीपीएससी देश का सबसे खराब और सबसे भ्रष्ट आयोग हो चुका है. भाजपा सांसद ने बघेल पर निशाना साधा और कहा कि सीजीपीएससी में अनियमितता और भ्रष्टाचार ‘कमीशन राज’ को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि सीजीपीएससी 2021 की प्रक्रिया तीन साल में पूरी की गयी. इसकी प्रारंभिक परीक्षा 2021 और मुख्य परीक्षा 2022 में हुई थी, जबकि साक्षात्कार का परिणाम इस साल यानी 2023 में सामने आया है.
तेजस्वी सूर्या ने कुछ उम्मीदवारों के चयन पर सवाल उठाया
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि इससे पता चलता है कि घोटाला कैसे हुआ है…उन्होंने सरकारी अधिकारियों और सत्ताधारी दल के नेताओं के परिवारों से कुछ उम्मीदवारों के चयन पर सवाल उठाया और कहा कि सीजीपीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र को सीजीपीएससी-2021 की परीक्षा में सातवां रैंक मिला. सोनवानी के बेटे का नाम प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में पूरी तरह से सरनेम के साथ उल्लेख करने का काम किया गया था, लेकिन परिणाम में उसका नाम बिना सरनेम के लिखा गया.
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घोटाले की सीबीआई जांच की जाएगी
सूर्या ने वादा किया कि यदि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता पर काबिज होती है तो पिछले तीन वर्षों के दौरान सीजीपीएससी में हुए कथित घोटाले की सीबीआई जांच की जाएगी. आपको बता दें कि रायपुर पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया था तथा मुख्यमंत्री निवास की ओर जाने वाली सड़कों पर कई जगहों पर बैरिकेडिंग की थी. सूर्या और भाजयुमो कार्यकर्ताओं को पुलिस ने आकाशवाणी के करीब काली मंदिर चौक पर लगे बैरिकेड्स पर रोक दिया और सभी को हिरासत में ले लिया. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.