बेंगलुरु : भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 के बुधवार को अपने प्रक्षेपण के एक साल पूरा करने के अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि इसके सभी आठ उपकरण बखूबी काम कर रहे हैं .
चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके-3 एम1 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था. इसरो ने कहा कि चंद्रमा की सतह की तस्वीरें लेना और ध्रुवीय कवरेज, अभियान की योजना के मुताबिक किया जा रहा है. वहीं, चंद्रयान-2 के वैज्ञानिक डेटा को सार्वजनिक रूप से जारी किया जाना अक्टूबर में शुरू होगा. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘चंद्रयान-2 के उपकरणें से व्यापक डेटा प्राप्त किये गये हैं और ध्रवीय क्षेत्रों में बर्फ के रूप में जमे जल की मौजूदगी का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.”
Also Read: रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 13 लाख करोड़ रुपये के पार
इसरो ने कहा कि साथ ही एक्सरे आधारित और स्पेक्ट्रोस्कोपिक खनिज सूचना तथा आर्गन-40 गैस की ऊंचाई वाले एवं निचले स्थानों पर मौजूदगी का पता लगाया जा रहा है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-2 विज्ञान प्रयोग से मिली महत्वपूर्ण जानकारियों को मार्च 2020 में सालाना चंद्रमा ग्रह संबंधी विज्ञान सम्मेलन में जारी किये जाने की योजना थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसे रद्द कर दिया गया. अंतरिक्ष यान ने 20 अगस्त 2019 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था.
चंद्रयान-2 अभियान चंद्रमा की सतह पर उतरने की भारत की प्रथम कोशिश थी. इसरो ने चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव वाले हिस्से पर इसकी लैंडिंग कराने की योजना बनाई थी. हालांकि, ‘लैंडर’ विक्रम ने पिछले साल सितंबर में चंद्रमा पर ‘हार्ड लैंडिंग’ की. इसका आर्बिटर अब भी चंद्रमा की कक्षा में है और वह सात साल तक सेवा देगा. इसरो अधिकारियों ने कहा था कि इसका उपयोग तीसरे चंद्र अभियान में भी किया जाएगा
Posted By – pankaj Kumar pathak
Agni Prime Missile : पहली बार रेल लॉन्चर से परीक्षण, मिसाइल भेद सकती है 2,000 किलोमीटर तक के टारगेट को
Watch Video: पानी में डूबे घर, टूटी सड़कें, उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही का नया वीडियो आया सामने
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में कुदरत का कहर, अब तक 4 की मौत, सीएम धामी ने नुकसान का लिया जायजा
Heavy Rain Warning: अगले 3 से 4 घंटों के दौरान हिमाचल में भयंकर बारिश की संभावना, IMD अलर्ट जारी