Chandrayaan 4 Missions: ‘चंद्रमा पर कदम’ इसरो का अगला टारगेट, चंद्रयान- 4 मिशन के विस्तार को कैबिनेट की मंजूरी
Chandrayaan 4 Missions: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्र ग्रह की कक्षा संबंधी अभियान, गगनयान और चंद्रयान-4 अभियान के विस्तार को मंजूरी दी है.
By Pritish Sahay | September 18, 2024 8:26 PM
Chandrayaan 4 Missions: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चंद्रयान मिशन को लेकर फैसले किए गए हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चंद्रयान 4 मिशन का विस्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि इसका अगला कदम चंद्रमा पर मानव मिशन भेजना है. कैबिनेट की बैठक में इस दिशा में सभी प्रारंभिक चरणों को मंजूरी दे दी गई है. कैबिनेट के फैसले में सरकार ने अपने वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान फॉलो-ऑन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के साथ-साथ अगली पीढ़ी के लॉन्च वाहन विकास को भी मंजूरी दी गई.
वीनस ऑर्बिटर मिशन को कैबिनेट की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक अन्वेषण और शुक्र के वायुमंडल, भूविज्ञान की बेहतर समझ और इसके घने वातावरण में बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक डेटा हासिल करने के लिए वीनस ऑर्बिटर मिशन को भी मंजूरी दे दी है
#WATCH | On Cabinet decisions, Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "Chandrayaan-4 mission has been expanded to add more elements. The next step is to get the manned mission to the Moon. All preparatory steps towards this have been approved. Venus Orbiter Mission, Gaganyaan… pic.twitter.com/ypGFUnW8HS
कैबिनेट ने भारी वजन ले जाने में सक्षम अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान को मंजूरी दी है. इसके तहत पृथ्वी की निचली कक्षा में 30 टन का पेलोड स्थापित किया जाएगा.
मंत्रिमंडल ने चंद्रयान-4 अभियान को मंजूरी दी है. जिसके तहत चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को पृथ्वी पर लाया जाएगा.
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने शुक्र ग्रह की कक्षा संबंधी अभियान, गगनयान चंद्रयान-4 अभियान के विस्तार को मंजूरी दी.
चंद्रयान- 4 योजना का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान-4 को मंजूरी दे दी है इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाने के लिए जरूरी प्रौद्योगिकियों का विकास करना है.
चंद्रयान-4 अभियान के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को वर्ष 2040 तक चंद्रमा पर उतारने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आधारभूत प्रौद्योगिकियों को विकसित करना.
अंतरिक्ष केंद्र से जुड़ने/हटने, यान के उतरने, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के साथ-साथ चंद्र नमूना संग्रह और विश्लेषण के लिए आवश्यक प्रमुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा.
कितना खर्च होगा पैसा
चंद्रयान-4 अभियान के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए कुल करीब 2100 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हो सकती है. की आवश्यकता है. बयान में कहा गया है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण करेगा. उद्योग और शिक्षा जगत की भागीदारी से इस अभियान को मंजूरी मिलने के 36 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. बयान में कहा गया कि इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से विकसित किए जाने की परिकल्पना की गई है. भाषा इनपुट के साथ