लद्दाख के तीन इलाकों से चीनी सैनिकों ने पीछे खींचा कदम, सैन्य अधिकारियों की बातचीत का दिखने लगा असर

चीन के साथ बढ़ते सीमा विवाद को लेकर अभी हाल ही में भारत-चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत के बाद घाटी से पॉजिटिव रिजल्ट सामने आने लगा है. घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास से खबर यह आ रही है कि भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के तीन अलग-अलग इलाकों से अपने कदम पीछे हटा लिये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2020 6:55 PM
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नयी दिल्ली : चीन के साथ बढ़ते सीमा विवाद को लेकर अभी हाल ही में भारत-चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत के बाद घाटी से पॉजिटिव रिजल्ट सामने आने लगा है. घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास से खबर यह आ रही है कि भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के तीन अलग-अलग इलाकों से अपने कदम पीछे हटा लिये हैं. समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार, भारत और चीन के बीच इसी सप्ताह होने वाली सैन्य वार्ता से पहले एक महीने से अधिक समय से दोनों देशों के आपसी तनाव समाप्त होने की उम्मीद बढ़ गयी है.

सरकारी सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, भारत और चीन की सेना के बीच इसी सप्ताह गलवान एरिया के पेट्रोलिंग प्वॉइंट-14, पेट्रोलिंग प्वॉइंट-15 और हॉट स्प्रिंग्स एरिया समेत लद्दाख के कई अलग-अलग जगहों पर बैठक होने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि चीन की सेना गलवान घाटी, पेट्रोलिंग प्वॉइंट-15 और हॉट स्प्रिंग्स एरिया से 2-2.5 किमी पीछे हट चुकी है. उन्होंने कहा कि यह 6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की हुई बातचीत और इसी सप्ताह होने वाली बैठक का असर है.

सूत्रों ने कहा कि चूंकि पहले चीन की सेना ने अपने कदम वापस खींच लिये हैं, तो भारत की सेना ने भी उन इलाकों से अपने कुछ सैनिक और वाहनों को वापस बुला लिया है. सूत्रों के मुताबिक, तनाव के इन बिंदुओं पर दोनों तरफ से बटालियन कमांडर स्तर की बातचीत हो रही है. चीन से बातचीत के लिए भारतीय सैन्य दल पहले से ही चुसुल में मौजूद हैं, जो वरिष्ठ अधिकारियों की मदद कर रहे हैं.

गौरतलब है कि कुछ लोग लद्दाख में चीनी सेना के बहुत अंदर तक आने का दावा कर रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एचएस पनाग ने तो एक लेख लिखकर यहां तक कह दिया कि चीनी सेना ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के अंदर 40 से 60 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है. अगर यह सही है, तो चीनी सेना के महज 2 से 2.5 किमी पीछे हटना शांतिपूर्वक मुद्दा सुलझाने का संकेत भर ही माना जा सकता है.

Posted By : Vishwat Sen

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