Congress: वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा एक बार फिर से जोर पकड़ रहा है. ऐसी खबरें हैं कि मौजूदा कार्यकाल में सरकार‘वन नेशन-वन इलेक्शन’को लेकर कोई अहम फैसला कर सकती है. सरकार की सहयोगी पार्टी जदयू ने खुलकर वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत की है. केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था, जिसने वन नेशन वन इलेक्शन की जरूरत बताते हुए कई सिफारिशें की है. जिसमें एक पहचान पत्र, एक इलेक्टोरल रोल सहित पहले विधानसभा और लोकसभा, उसके बाद 100 दिनों के अंदर नगर पालिका और पंचायत चुनाव पूरे देश में एक साथ कराने की सिफारिश की है. लेकिन विपक्षी दल वन नेशन वन इलेक्शन को देश के लिए व्यावहारिक नहीं मान रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का कहना है कि मौजूदा प्रावधान के तहत देश में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की नीति संभव नहीं है. इस कानून को लागू करने के लिए कम से कम पांच संवैधानिक संशोधन करना होगा. मौजूदा समय में केंद्र सरकार के पास लोकसभा या राज्यसभा में ऐसे संवैधानिक संशोधन को पारित कराने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है. .
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