जीवन भर राजस्थान की सेवा करना चाहता हूं
अशोक गहलोत ने यहां प्रसिद्ध साई बाबा मंदिर में दर्शन के बाद कहा कि यह बहस अनावश्यक है इसलिए मैं चुप हूं. मीडिया की मानें तो मैं मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाहता लेकिन मैं यह पूरे विश्वास के साथ कहता हूं और कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए फॉर्म भरने के बाद भी इस पर कायम रहूंगा, मैं राजस्थान का हूं और मैं जीवन भर राज्य की सेवा करना चाहता हूं. ऐसा कहने में क्या गलत है? लोग इसका अलग अर्थ निकालते हैं. मीडिया इसकी अलग व्याख्या करता है. अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले 40 वर्षों में, पार्टी ने उन्हें तीन बार केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री बनाया है.
‘कोई भी पद मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं’
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और आलाकमान उन्हें जो भी करने के लिए कहेंगे, वह करेंगे. उन्होंने कहा, ‘कोई भी पद मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है. अगर संभव हो तो मुझे कोई पद नहीं चाहिए और राहुल गांधी के साथ उनकी यात्रा से जुड़ा रहूं.’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरूवार को उदयपुर चिंतन शिविर में तय किए गए सुधारों के अनुरूप ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की अवधारणा का समर्थन किया था और यह भी संकेत दिया था कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए दौड़ में नहीं हैं. इससे पहले, दिन में केरल के कोच्चि में पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने यह स्पष्ट किया कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे.
Also Read: Amit Shah in Bihar: किशनगंज के काली मंदिर में आज पूजा करेंगे अमित शाह, जानें क्या है इस मंदिर की मान्यता
पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अधिसूचना जारी
बता दें कि तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर के पार्टी अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरने की संभावना है. कांग्रेस ने गुरूवार को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अधिसूचना जारी की थी. पार्टी के चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 24 सितंबर से 30 सितंबर के बीच होगी. नामांकन पत्रों की जांच एक अक्टूबर को होगी, जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर होगी. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को चुनाव होंगे. मतों की गणना और चुनाव के नतीजे 19 अक्टूबर को जारी होंगे.