Congress: आंगनबाड़ी लाभार्थियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा फेस रिकॉग्नाइजेशन को अनिवार्य बनाने के फैसले पर राजनीति तेज हो गयी है. कांग्रेस का आरोप है कि समाज के वंचित तबके को सामाजिक कल्याण के दायरे से बाहर करने के लिए सरकार तकनीक का प्रयोग कर रही है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश को निर्देश दिया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन वितरण और बच्चों की उपस्थिति की निगरानी के लिए फेस रिकॉग्नाइजेशन प्रणाली को अनिवार्य किया जाए. इस फैसले को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने की जगह समाज के कमजोर वर्ग को और कमजोर करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत तकनीक का प्रयोग कर देश के वंचित तबके को सामाजिक कल्याण योजना के दायरे से बाहर करने की साजिश कर रही है. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. मनरेगा मजदूरों के लिए आधार ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य कर कई मजदूरों को इस योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया. देश के आदिवासी और दलितों में डिजिटल साक्षरता काफी कम है. ऐसा सामने आया है कि देश के कई आदिवासियों को तकनीकी गड़बड़ियों के कारण राशन नहीं मिल पा रहा है.
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