Congress: तकनीक का प्रयोग अधिकार छीनने के लिए नहीं सशक्तिकरण के लिए करे सरकार

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश को निर्देश दिया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन वितरण और बच्चों की उपस्थिति की निगरानी के लिए फेस रिकॉग्नाइजेशन प्रणाली को अनिवार्य किया जाए. इस फैसले को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने की जगह समाज के कमजोर वर्ग को और कमजोर करने का काम कर रही है.

By Vinay Tiwari | June 23, 2025 7:22 PM
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Congress: आंगनबाड़ी लाभार्थियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा फेस रिकॉग्नाइजेशन को अनिवार्य बनाने के फैसले पर राजनीति तेज हो गयी है. कांग्रेस का आरोप है कि समाज के वंचित तबके को सामाजिक कल्याण के दायरे से बाहर करने के लिए सरकार तकनीक का प्रयोग कर रही है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश को निर्देश दिया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन वितरण और बच्चों की उपस्थिति की निगरानी के लिए फेस रिकॉग्नाइजेशन प्रणाली को अनिवार्य किया जाए. इस फैसले को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने की जगह समाज के कमजोर वर्ग को और कमजोर करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत तकनीक का प्रयोग कर देश के वंचित तबके को सामाजिक कल्याण योजना के दायरे से बाहर करने की साजिश कर रही है. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. मनरेगा मजदूरों के लिए आधार ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य कर कई मजदूरों को इस योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया. देश के आदिवासी और दलितों में डिजिटल साक्षरता काफी कम है. ऐसा सामने आया है कि देश के कई आदिवासियों को तकनीकी गड़बड़ियों के कारण राशन नहीं मिल पा रहा है. 


गरीबों के अधिकारों का हनन कर रही है केंद्र सरकार

जयराम ने कहा कि केंद्र सरकार के नये फैसले के कारण देश की गरीब गर्भवती महिलाओं के सामने एक नयी समस्या पैदा हो गयी है. तकनीक के प्रयोग के कई गरीब महिलाओं को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा और इससे कुपोषण से लड़ने की क्षमता कमजोर होगा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत  मिलने वाले बुनियादी और कानूनी अधिकारों के लिए अब फेस

रिकॉग्नाइजेशन तकनीक जरूरी होगा. संसद की शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति की 365वीं रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि तकनीक के प्रयोग से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में लागू करने से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उचित लाभ से वंचित होना पड़ता है. डिजिटल इंडिया का मकसद लोगों का सशक्तिकरण होना चाहिए. तकनीक का प्रयोग अधिकारों का हनन नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आधार आधारित भुगतान प्रणाली की विफलता देश के सामने है. इसके कारण कई योग्य मजदूरों को मनरेगा का लाभ नहीं मिल सका. ऐसे में सरकार को तकनीक का प्रयोग सोच-समझकर करने की जरूरत है. 

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