‘कोविड स्थानिक रोग बन जाएगा या नहीं, यह तय नहीं’
प्रख्यात ‘पल्मोनोलॉजिस्ट’ और संक्रामक रोगों के प्रमुख शोधकर्ता कौल ने कहा, “यह तय नहीं है कि कोविड स्थानिक रोग बन जाएगा या नहीं और यदि बना तो कब तक. लेकिन ऐसी संभावना नहीं है कि यह पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा. अगर नए-नए स्वरूप सामने आते रहे तो हम चीन की तरह कभी कभी प्रकोप देख सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं लगता कि भारत में अगले दो-तीन महीनों में कोई व्यापक प्रकोप दिखेगा.”
व्यापक हाइब्रिड प्रतिरक्षा के कारण कोविड से निपटने में मिलेगा फायदा
कौल ने ट्विटर पर कहा कि भारतीयों को व्यापक हाइब्रिड प्रतिरक्षा के कारण कोविड से निपटने में फायदा मिलेगा, लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि उच्च जोखिम वाले समूह को बूस्टर खुराक देने की जरूरत पड़ सकती है. उन्होंने कहा, “जिन्होंने ऐहतियाती(बूस्टर) खुराक नहीं ली है, उन्हें ये ले लेनी चाहिए. सरकारी दिशा-निर्देशों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.”
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डॉक्टर्स ने सावधानी बरतने की भी सलाह दी
जानकारी हो कि कोरोना के नए वैरिएंट की वजह से पड़ोसी देश चीन में भारी तबाही मची हुई है. भारी मात्रा में कोरोना से लोग वहां संक्रमित हुए है. ऐसे में कई आशंकाएं जतायी जा रही है कि इसका प्रभाव भारत में कैसा होगा. केंद्र सरकार हर मामले को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरते हुए है. हालांकि मामले के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में इसका प्रकोप ज्यादा भयावह होने की उम्मीद नहीं है. लेकिन डॉक्टर्स ने सावधानी बरतने की भी सलाह दी है.