कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी पहल के तहत पीएफसी की वित्तीय सहायता का उपयोग मास्क और सैनिटाइजर के वितरण में किया जायेगा. बिजली मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा था, बिजली मंत्रालय और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उपक्रमों ने पीएम-केयर्स फंड में 925 करोड़ रुपये का योगदान देने का निर्णय किया है. इसमें से 445 करोड़ रुपये 31 मार्च तथा शेष राशि अप्रैल के पहले सप्ताह में जमा की जायेगी. भारती एंटरप्राइजेज करेगा 100 करोड़ रुपये की मदद भारती एंटरप्राइजेज ने मंगलवार को कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई में साथ देने के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक के सहयोग का वादा किया. कंपनी ने कहा कि इस धनराशि के एक बड़े हिस्से को तुरंत पीएम-केयर्स कोष में जमा किया जायेगा. शेष राशि का इस्तेमाल चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों और आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मियों के लिए मास्क तथा अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की आपूर्ति के लिए किया जायेगा.
कंपनी 10 लाख से अधिक एन-95 मास्क खरीद रही है और इन्हें जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जायेगा.जेएसपीएल ने देगा 25 करोड़ रुपयानिजी क्षेत्र की इस्पात निर्माता कंपनी जेएसपीएल ने मंगलवार को पीएम-केयर्स कोष में 25 करोड़ रुपये देने की घोषणा की. यह कोष देश में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए बनाया गया है. जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिंदल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इसके अलावा जेएसपीएल फाउंडेशन अपने विनिर्माण संयंत्रों के आसपास स्थानीय समुदायों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी मुहैया करा रहा है.सरकार ने बड़ी कंपनियों से की दान देने की अपील नयी दिल्ली. सरकार ने बड़ी कंपनियों से प्रधानमंत्री केयर्स कोष में दान देने की अपील की है.
कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बाजार पूंजीकरण के हिसाब से शीर्ष 1000 कंपनियों के प्रमुखों से इस कोष में दान देने की अपील की है. इस कोष में दिए जाने वाले दान को सीएसआर के तहत किये जाने वाले खर्च मानने का निर्देश पहले ही दे दिया है. इसके अलावा कंपनियों के कोरोना वायरस से निपटने पर किये जाने वाले व्यय को भी सीएसआर के दायरे में रखा गया है. श्रीनिवास ने एक पत्र में कहा है कि 31 मार्च से पहले इस कोष में दान करने वाली सभी कंपनियों को नये और पुराने दोनों तरह के आयकर ढांचे में आयकर कानून की 80जी धारा के तहत कर-राहत मिलेगी. जबकि एक अप्रैल के बाद दान करने पर केवल उन कंपनियों को कर-राहत मिलेगी जो पुराने कर ढांचे के हिसाब से कर भुगतान करेंगी.