Coronavirus lockdown : भारत में 4 करोड़ प्रवासी मजदूर, अब तक 75 लाख लौट चुके हैं अपने घर

केंद्र सरकार (central government) ने शनिवार को कहा कि देश भर में करीब चार करोड़ प्रवासी श्रमिक (Around four million migrant workers across the country) विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (Coronavirus lockdown) लागू होने के बाद से अब तक उनमें से 75 लाख लोग ट्रेनों और बसों से अपने घर लौट चुके हैं.

By Agency | May 23, 2020 8:17 PM
an image

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार (central government) ने शनिवार को कहा कि देश भर में करीब चार करोड़ प्रवासी श्रमिक (Around four million migrant workers across the country) विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (Coronavirus lockdown) लागू होने के बाद से अब तक उनमें से 75 लाख लोग ट्रेनों और बसों से अपने घर लौट चुके हैं.

Also Read: Indian Railways/IRCTC News Updates : प्रवासी श्रमिकों के लिए अगले 10 दिन तक चलायी जाएंगी 2600 ट्रेन, 36 लाख यात्री कर सकेंगे यात्रा

केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये एक मई से 2,600 से अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं.

Also Read: COVID-19 और इसके आर्थिक प्रभावों को लेकर पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और मॉरीशस के प्रधानमंत्री से की बात

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, पिछली जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक देश में चार करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं. देश में 25 मार्च (जब राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू हुआ) से प्रवासी श्रमिकों की सुविधा के लिये केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार बताया.

Also Read: WHO on Coronavirus: बिहार सहित इन सात राज्यों में Lockdown में ढील देना सही नहीं, हो सकता है कोरोना ब्लास्ट

श्रीवास्तव ने कहा कि श्रमिक विशेष ट्रेनों से 35 लाख प्रवासी श्रमिक अपने गंतव्य तक पहुंच गये हैं, जबकि 40 लाख प्रवासियों ने अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिये बसों से यात्रा की.

Also Read: अमेरिका से लेकर साइकिलिंग फेडरेशन तक हुआ बिहार की बेटी का मुरीद, ट्रायल पर ज्योति ने कही ये बात

संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि 27 मार्च को गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को यह परामर्श भेजा था कि प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को संवेदनशीलता से लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे लॉकडाउन के दौरान अपने मौजूदा स्थान को छोड़ कर नहीं जाएं.

उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी श्रमिकों को भोजन एवं आश्रय उपलब्ध कराने को भी कहा गया. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी प्रवासी श्रमिकों को लेकर कई बार राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श भेजे गये.

Also Read: पटना के सेंट जेवियर्स का छात्र पहुंचा वर्ल्ड बैंक, मिली बड़ी जिम्मेदारी, …जानें कौन है?

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version