Coronavirus Lockdown: रविवार को “ब्लैकआउट के दौरान ग्रिड को संभालने की ऐसी होगी तैयारी

कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए एकजुटता दिखाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए लाइटें बंद कर करके दिया, मोमबत्ती आदि की रोशनी कर एक जुटता का प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. ऐसे में अनुमान लगाए जा रहे हैं कि नौ मिनट के अंदर देश भर में ग्रिड से बिजली की मांग में अचानक भारी गिरावट और बढ़ोतरी होगी और इससे ग्रिड के ढहने का खतरा हो सकता है.

By PankajKumar Pathak | April 5, 2020 7:52 AM
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नयी दिल्ली : कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए एकजुटता दिखाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए लाइटें बंद कर करके दिया, मोमबत्ती आदि की रोशनी कर एक जुटता का प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. ऐसे में अनुमान लगाए जा रहे हैं कि नौ मिनट के अंदर देश भर में ग्रिड से बिजली की मांग में अचानक भारी गिरावट और बढ़ोतरी होगी और इससे ग्रिड के ढहने का खतरा हो सकता है.

बिजली की मांग में आने वाले इस बदलाव से ग्रिड पर कोई असर नहीं पड़े इसके लिए सरकार ने एक व्यापक योजना बनाई है . इस व्यापक कार्रवाई योजना के प्रमुख पहलू इस तरह हैं: रविवार को रात को नौ बजे से 9:09 बजे तक सिर्फ घर की लाइटें बंद करे.इस दौरान एसी, टीवी और रेफ्रिजरेटर जैसे बिजली उपकरण चलाए रखें. यानी इनको बंद करने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा सभी आवश्यक सेवाओं मसलन अस्पताल, पुलिस स्टेशन, विनिर्माण सुविधाओं के साथ स्ट्रीट लाइटें बंद नहीं होंगी.

इन कदमों से यह सुनिश्चित होगा कि लाइटें बंद होने के बावजूद बिजली की पर्याप्त मांग बनी रहेगी. ग्रिड का प्रबंधन करने वाले एजेंसी पावर सिस्टम आपरेशन कॉरपोरेशन ने अखिल भारतीय स्तर पर लाइटिंग के लोड का आकलन किया है. उसका अनुमान है कि कुल 125-126 गीगावॉट में से ऐसी मांग 12-13 गीगावॉट (12-13 हजार मेगा वाट) की होगी. सामान्य परिचालन की तुलना में लोड में 12-13 गीगावॉट की कमी दो से चार मिनट में होगी.

यह नौ मिनट बाद दो से चार मिनट में फिर बढ़ जाएगी. लोड में कमी और उसके अचानक बढ़ने की स्थिति से पनबिजली और गैस संसाधनों से निपटा जाएगा. लोड में कमी और उसमें सुधार की स्थिति का प्रबंधन पन और गैस जेनरेटरों से किया जाएगा. सभी क्षेत्रीय इकाइयों को सलाह दी गई है कि वे ग्रिड के साथ अपने इंटरचेंज को सारिणी के अनुसार ही कायम रखें. वितरण कंपनियों से कहा गया है कि वे रात आठ से दस बचे तक फीडर बदलने से बचें. इसके अलावा राष्ट्रीय और सभी क्षेत्रीय-राज्य लोड केंद्रों के नियंत्रण कक्ष के कर्मचारियों को बढ़ाया जाएगा और किसी भी आपात स्थिति से निपटने को ग्रिडों की गहन निगरानी की जाएगी.

राज्य लोड वितरण केंद्रों ने वितरण कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सबस्टेशनों और आवासीय सोसायटियों-आवासीय अपार्टमेंटों की मुख्य आपूर्ति फीडर-मेंस के स्तर पर बदला नहीं जाए. शाम को व्यस्त घंटों में 6:10 बजे से आठ बजे तक पन बिजली उत्पादन को घटाया और बचाया जाएगा, जिससे कि नौ बजे जरूरत के हिसाब से इसमें घट बढ़ की जा सके.

इस दौरान ताप एवं गैस उत्पादन की सारिणी इस तरीके से बनाई जाएगी जिससे व्यस्त समय का प्रबंधन किया जा सके. व्यस्त घंटों के बाद ताप अंतर राज्य उत्पादन स्टेशनों (आईएसजीएस) में उत्पादन को धीरे-धीरे घटाकर 8:55 बजे तकनीकी न्यूनतम स्तर 60 प्रतिशत के करीब लाया जाएगा. पन बिजली और गैस बिजली उत्पादन को 8:57 बजे से घटाया जाएगा.

इस दौरान प्रणाली की फ्रीक्वेंसी पर नजर रखी जाएगा. 9-05 बजे से ताप मशीनों को बढ़ाने का काम किया जाएगा. इसके बाद 9:09 बजे से लोड में बढ़ोतरी की जरूरत को पूरा करने के लिए पनबिजली उत्पादन बढ़ाया जाएगा. पंप्ड स्टोरेज पनबिजली इकाइयों को 8:45 से पंपिंग में लाया जाएगा.

यह 9:09 बजे तक चालू रहेंगी. आईएसजीएस-राज्य के स्तर के पवन बिजली उत्पादकों को सलाह दी गई है कि वे स्वत: पवन बिजली संयंत्रों का कनेक्शन काटें. उसके बाद इन इकाइयों का 9:30 बजे के बाद तालमेल किया जाएगा. वोल्टेज में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए अखिल भारतीय ग्रिड की फ्रीक्वेंसी को संभवत: निचले स्तर पर रखा जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे रविवार (पांच अप्रैल) को रात नौ बजे नौ मिनट तक अपने घरों की दहलीज, बालकनी में खड़े रह कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं. पीएम मोदी के इस संदेश के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है. आप भी देखें वो मैसेज….

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