डैम निर्माण से बिगड़ा पृथ्वी का संतुलन, अपनी जगह से खिसके ध्रुव

Dam Impact: वैज्ञानिकों के ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि दुनियाभर में बनाए गए 6,800 से अधिक डैमों के कारण पृथ्वी के ध्रुव करीब 1 मीटर खिसक गए हैं. इस द्रव्यमान (Mass) परिवर्तन ने समुद्र का जलस्तर भी औसतन 21 मिमी तक घटा दिया है.

By Shashank Baranwal | July 24, 2025 7:28 AM
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Dam Impact: अब तक इंसानी गतिविधियों का असर जलवायु और जैव विविधता तक सीमित माना जाता था, लेकिन एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में बनाए गए 6,862 डैमों के कारण पृथ्वी के ध्रुव लगभग 1 मीटर यानी करीब 3 फीट तक खिसक चुके हैं.

ध्रुवों की दिशा बदली

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता नताशा वेलेंसिक और उनकी टीम ने 1835 से 2011 के बीच बने डैमों का विश्लेषण किया. 1835 से 1954 के बीच यूरोप और उत्तरी अमेरिका में डैम बनने से उत्तरी ध्रुव 8 इंच पूर्व की ओर (रूस की दिशा) खिसका, जबकि 1954 से 2011 के बीच एशिया और पूर्वी अफ्रीका में डैम निर्माण के कारण यह 22 इंच पश्चिम की ओर (अमेरिका की दिशा) खिसक गया.

‘टू पोलर वॉन्डर’ से जुड़ी यह प्रक्रिया

पृथ्वी की सतह पर द्रव्यमान (Mass) के पुनर्वितरण के कारण इसके घूमने का अक्ष थोड़ा सा बदल जाता है। इस भूगर्भीय प्रक्रिया (Geological Process) को ‘टू पोलर वॉन्डर’ कहा जाता है.

समुद्र का स्तर भी प्रभावित

डैमों में जमा पानी के कारण समुद्र का स्तर औसतन 21 मिलीमीटर तक घट गया है, जबकि 20वीं सदी में समुद्र स्तर में हर साल औसतन 1.2 मिमी की बढ़ोतरी हो रही थी. शोधकर्ताओं का कहना है कि भविष्य में समुद्र स्तर का आकलन करते समय डैमों में संग्रहित पानी को भी ध्यान में रखना जरूरी होगा.

प्राकृतिक संतुलन पर बढ़ता मानव असर

शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव इतना बड़ा नहीं है कि इससे कोई जलवायु आपदा उत्पन्न हो, लेकिन यह पृथ्वी पर इंसानी दखल के गंभीर प्रभावों का एक और प्रमाण है. पहले भी वैज्ञानिक चेतावनी दे चुके हैं कि मानव गतिविधियां समुद्री धाराओं, वायुमंडलीय परतों और यहां तक कि ज्वालामुखीय गतिविधियों को भी प्रभावित कर रही हैं.

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