भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर (Second Wave of Coronavirus) के बीच ब्लैकक फंगस (Black Fungus) या म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) नाम का एक और आफत ने सिर उठा लिया है. इसके संक्रमितों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. देश के कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है. नाक मुंह के रास्ते ये शरीर में जाकर मरीजों के आंखों की रोशनी छीन ले रहा है. इसका घातक असर मस्तिष्के पर भी पड़ रहा है.
देश में कई लोगों की जा चुकी है जानः डॉक्टरों का कहना है कि म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मरीजों की मृत्युदर 50 फीसदी है. देश के कई हिस्सों में इसके मरीजों ने दम तोड़ दिया है. एमपी के जबलपुर में इसके 3 मरीजों की जान जा चुकी है. जबकि, दर्जनों लोगों ने आंखों की रोशनी खो दी है. इसके अलावा महाराष्ट्र के ठाणे में ब्लैक फंगस से 2 मरीजों की मौत हो गई. हैदराबाद में 6 लोगों की मौत इससे हो चुकी है. यूपी में भी एक महिला की काली फंगस से मौत हो चुकी है.
किन राज्यों में कितना असरः
दिल्ली में ब्लैक फंगसः कोरोना महामारी के बाद दिल्ली में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ रहा है. दिल्ली के एम्स और सर गंगा राम अस्पताल में ब्लैक फंगस के 25 से ज्यादा मरीज भर्ती है.
महाराष्ट्र – महाराष्ट्र में भी कोरोना के साथ साथ ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ रहा है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने एक बयान में कहा है कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के दो हजार से ज्यादा मामले हो सकते हैं.
यूपी – उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ब्लैक फंगस संक्रमण के मरीज मिले हैं. लखनऊ में इलाज करा रही एक महिला की इस बीमारी में जान भी चली गई है. इसके अलावा वाराणसी में भी इसके मरीज मिले हैं.
हरियाणा- ब्लैक फंगस के मरीज हरियाणा में भी मिले हैं. कई औऱ लोगों में भी इसके लक्षण दिख रहे है. ओडिशा और राजस्थान में भी ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए हैं. वहीं गुजरात में भी कई मामले सामने आए हैं. यहां ब्लैक फंगस के कारण कई मरीजों को आंखों की रौशनी चली गई है.
बिहार और झारखंड- ब्लैक फंगस के मामले बिहार और झारखंड में भी मिले हैं. बिहार में ब्लैक फंगस से संक्रमित 5 मरीजों का एम्स पटना और आइजीआइएमएस में इलाज चल रहा है. वहीं, झारखंड में ब्लैक फंगस से जमशेदपुर में एक मरीज की मौत हो गई है. जबकि, रिम्स और दूसरे अस्पतालों में 7 मरीजों की इलाज चल रहा है. यहां 30 अन्य संदिग्ध मरीजों का भी पता चला है.
ब्लैक फंगस के लक्षणः ब्लैक फंगस आम तौर पर कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों में देखा गया है. यह डायबीटिज के मरीजों को अपना शिकार बना रहा है. इसके मुख्य लक्षण हैं.
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नाक बहना, सांस लेने की तकलीफ
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नाक से खून या काले रंग के तरल पदार्थ का आना
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कई मरीजों में नाक के आस-पास काले धब्बे भी देखे गए हैं.
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रोगी में सिर दर्द की शिकायत
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चेहरे का एक तरफ से सूज जाना भी इस रोग का प्रमुख लक्षण है.
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आंखों का लाला होना, और सूजन
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धुंधला दिखना और रोशनी कम हो जाना
डायबिटीज मरीजों को ज्यादा खतराः कई मरीजों में पोस्ट कोरोना इफेक्ट के तौर पर ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे हैं. वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को इससे ज्यादा खतरा होता है. डायबिटीज के मरीजों में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में इस बीमारी के फैलने का खतरा अधिक होता है. फिलहाल नाक से लेकर दिमाग तक इसका अधिक असर दिखा है.
ब्लैक फंगस बीमारी के कारण
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डायबिटीज का अनियंत्रित होना
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स्ट्रॉयड के कारण प्रतिरोधक क्षमता का कम हो जाना
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लंबे समय तक आईसीयू में रहना
क्या है उपाय?
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कोरोना के मरीज को ठीक होने के बाद भी खून में शुगर की निगरानी करना.
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स्ट्रॉयड का सही एवं संयमित इस्तेमाल.
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साफ और संक्रमणमुक्त पानी का इस्तेमाल.
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Posted by : Pritish Sahay
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