दिल्ली विधानसभा के सत्र को एक दिन का विस्तार, हंगामे के बाद चार BJP विधायक सदन से किए गए बाहर

दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को याचिका समिति की रिपोर्ट को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी विधायकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला.

By Aditya kumar | August 17, 2023 5:19 PM
an image

Delhi Vidhansabha Session : दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन में मणिपुर की गूंज सुनाई दी. मणिपुर मुद्दे पर चर्चा शुरू होते ही विपक्षी दलों के द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के विधायकों के बीच जमकर हंगामा हुआ. जहां एक ओर आम आदमी पार्टी ने मणिपुर मुद्दे पर सरकार के रवैये का विरोध किया वहीं बीजेपी ने इस मुद्दे पर विपक्ष के प्रहार का विरोध किया. हालांकि, दिल्ली विधानसभा के सदस्यों द्वारा कार्यवाही को एक दिन बढ़ाने के पक्ष में मतदान करने के बाद सत्र शुक्रवार को भी जारी रहेगा.

GNCTD (संशोधन) अधिनियम 2023 लागू होने के बाद विधानसभा का पहला सत्र

दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र की शुरूआत बुधवार को हुई. राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण संबंधी जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम 2023 लागू होने के बाद विधानसभा का यह पहला सत्र है. इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था दिल्ली विधानसभा देश की एकमात्र विधानसभा है जिसका सत्रावसान नहीं होता है तथा 2020 से 2023 तक इसे केवल बजट सत्र के लिए आहूत किया गया.

भारतीय जनता पार्टी के चार विधायकों को मार्शलों ने बाहर कर दिया

मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा का विरोध करने को लेकर गुरुवार को दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भारतीय जनता पार्टी के चार विधायकों को मार्शलों ने बाहर कर दिया. आम आदमी पार्टी विधायक दुर्गेश पाठक ने पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा पर अल्पकालिक चर्चा शुरू की जिसके बाद भाजपा विधायक विरोध में खड़े हो गए और कहा कि दिल्ली से संबंधित मुद्दों पर सदन में बहस होनी चाहिए. उप सभापति राखी बिधलान ने भाजपा विधायकों के विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या उन्हें लगता है कि मणिपुर विधानसभा में चर्चा के लिए कोई मुद्दा नहीं है? उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी मणिपुर मुद्दे पर चर्चा हुई.”

”भाजपा इस मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती”

भाजपा विधायकों ने अपना विरोध जारी रखा जिसके बाद उनमें से चार – अभय वर्मा, जितेंद्र महाजन, अजय महावर और ओपी शर्मा – को मार्शलों की मदद से सदन से बाहर निकाल दिया गया. हंगामा बढ़ने पर पाठक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा इस मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती है. पाठक के नेतृत्व में आप विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारे भी लगाए.

Also Read: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के 39 उम्मीदवारों की सूची जारी, देखें लिस्ट

विधायकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला

दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को याचिका समिति की रिपोर्ट को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी विधायकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि समिति की सिफारिशें प्रशासनिक प्रणाली को “पंगु” बनाने के इरादे से “अपने ही पाले में गोल दागने” की तरह थीं.

याचिका समिति को बंद करने की मांग

उन्होंने विधानसभा में याचिका समिति को बंद करने की मांग की. स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज सहित आप नेताओं द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद उपाध्यक्ष राखी बिडलान ने गुप्ता को विधानसभा के सामने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश नहीं करने की चेतावनी दी थी. आप विधायक राजेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक एक पुरानी रिपोर्ट पढ़ रहे थे.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version