Delhi Cabinet: भाजपा ने मंत्रिमंडल गठन में जातीय और सामाजिक समीकरण पर दिया है जोर

रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर महिला मतदाताओं को साधने की कवायद की है तो मंत्रियों के चयन में भी सामाजिक समीकरण का विशेष ख्याल रखा है. भाजपा की कई राज्य में सरकार है, लेकिन कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं थी. पार्टी ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर महिला मतदाताओं के साथ ही अपने कोर वोटर वैश्य समाज को भी बड़ा संदेश दिया है.

By Vinay Tiwari | February 20, 2025 4:08 PM
an image

Delhi Cabinet: दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद सत्ता पर काबिज होने वाली भाजपा ने सरकार गठन में भावी रणनीति पर विशेष जोर दिया है. रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर महिला मतदाताओं को साधने की कवायद की है तो मंत्रियों के चयन में भी सामाजिक समीकरण का विशेष ख्याल रखा है. पार्टी ने दिल्ली में सरकार गठन में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की पहल की है. भाजपा की कई राज्य में सरकार है, लेकिन कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं थी. पार्टी ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर महिला मतदाताओं के साथ ही अपने कोर वोटर वैश्य समाज को भी बड़ा संदेश दिया है. भाजपा दिल्ली में सिर्फ पांच साल की योजना पर काम नहीं कर रही है, बल्कि पार्टी लंबे समय तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति बनायी है.

मंत्रिमंडल में दो पूर्वांचली, एक पंजाबी, एक सिख और एक दलित और प्रवेश वर्मा के जरिये जाट समुदाय को साधने की कोशिश की गयी है. दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है. ऐसे में कपिल मिश्रा और पंकज सिंह को मंत्री बनाकर पार्टी ने पूर्वांचली समाज को बड़ा संदेश दिया है. इसके अलावा आशीष सूद और मनजिंदर सिंह सिरसा के जरिये पंजाब की राजनीति को साधने की कोशिश की गयी है. दिल्ली के जरिये पार्टी बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को भी साधने की कोशिश की है. 


जमीनी कार्यकर्ताओं को दिया संदेश

भाजपा ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर यह संदेश दिया है कि पार्टी में काम करने वाले नेताओं को प्रमुख जगह मिल सकता है. रेखा गुप्ता छात्र राजनीति से जुड़ी रही. फिर पार्षद बनी और पहली बार विधायक चुनी गयी. पार्टी में करीब तीन दशक तक काम करने के बाद पहली बार की विधायक को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया कि पार्टी के लिए काम करने वाले कर्मठ नेताओं को पार्टी प्राथमिकता देती है. पार्टी में परिवार की बजाय संगठन का काम करने वाले नेताओं को प्राथमिकता दी जाती है. राजस्थान में भी पार्टी ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया. इसी तरह ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भी पार्टी ने चर्चित चेहरों की बजाय संगठन के लिए काम करने वाले नेताओं को राज्य की कमान सौंपने का काम किया.

भाजपा अपने कार्यकर्ताओं में ऐसे फैसले के जरिये हौसला बनाए रखना चाहती है और यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी के लिए काम करने वाले किसी भी कार्यकर्ता को अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. भाजपा दिल्ली की सत्ता से 27 साल से दूर थी, लेकिन पार्टी हर चुनाव को मजबूती से लड़ती रही और आखिरकार उसे दिल्ली की सत्ता मिली है. दिल्ली की जीत के जरिये पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि चुनाव में हार के बाद भी संगठन को मजबूत करने के लिए मेहनत करनी चाहिए. दिल्ली की जीत से उत्साहित पार्टी की नजर पश्चिम बंगाल पर है. 

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version