नयी दिल्ली : कोरोना वायरस का संक्रमण देश में लगातार तेजी से फैलते जा रहा है. रोजाना रिकॉर्ड टूट रहे हैं. एक ओर पूरे देश में कोरोना की रफ्तार अपने चरम पर है तो दूसरी ओर दिल्ली में रोजाना दम तोड़ता नजर आ रहा है. दिल्ली में कोरोना के नये केस की तुलना में ठीक होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. दिल्ली का रिकवरी रेट बेहतर होता जा रहा है. गुरुवार को कोरोना वायरस के 1,652 नये मामले आये, वहीं पिछले 24 घंटे में कोरोना से 1994 लोग ठीक हुए हैं.
केजरीवाल ने बताया कैसे दिल्ली में हार रहा है कोरोना
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 स्थिति जून के मुकाबले अब बेहतर है, लेकिन वायरस के खिलाफ जंग अभी तक जीती नहीं गई है. उन्होंने कहा, दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हो सकते हैं. हमें अपनी तैयारियां जारी रखनी होगी. केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में उनकी सरकार का पहला सिद्धांत था कि यह लड़ाई अकेले नहीं जीती जा सकती.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की गणना के अनुसार दिल्ली में 15 जुलाई तक 2.25 लाख मामले होने की आशंका थी, लेकिन मौजूदा समय में सिर्फ 1.15 लाख मामले हैं. जून के पहले सप्ताह में मामले जैसे ही बढ़ने शुरू हुए, ऐसी आशंका थी कि 15 जुलाई तक 1.34 लाख लोगों का इलाज चल रहा होगा लेकिन अभी शहर में सिर्फ 18,600 लोगों का इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि जून के मुकाबले हम बेहतर स्थिति में हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमने यह लड़ाई (कोविड-19 के खिलाफ) जीत ली है. हमे अभी लंबा फासला तय करना है. केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 के मामले फिर बढ़ सकते हैं. हमें संतुष्ट नहीं होना है. हमें पूरी तरह तैयार होना होगा.
उन्होंने कहा कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस ‘दिल्ली मॉडल’ की तारीफ की, वह आप सरकार, केंद्र सरकार , अन्य संगठन और सभी राजनीतिक पार्टियों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है. केजरीवाल ने सहयोग के लिए भाजपा और कांग्रेस का शुक्रिया अदा किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब दिल्ली सरकार ने यह महसूस किया कि यह लड़ाई अकेले नहीं जीती जा सकती है तो उसने तीन सिद्धांतों पर काम करना शुरू किया. उन्होंने कहा, अगर दिल्ली सरकार यह सोचती कि वह अकेले कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीत लेगी तो हम इसमें विफल हो जाते.
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हमारा पहला सिद्धांत यह था कि हम यह लड़ाई अकेले नहीं जीत सकते हैं. हमारा दूसरा सिद्धांत यह था कि हमारे काम के बारे में अगर हमारे आलोचक अपने विचार रखते हैं तो हम उनकी आलोचना नहीं करेंगे. अगर कोई किसी खामी की ओर इशारा करता है तो हम उसमें सुधार करेंगे. हमारा तीसरा सिद्धांत था कि हम हार नहीं मानेंगे. अगर हम हार स्वीकार कर लेते तो मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी होती.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार रोजाना 20,000-23,000 जांच कर रही है. सरकार की घर में ही पृथकवास की नीति की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस वजह से लोग बड़ी संख्या में जांच के लिए आ रहे हैं. उन्होंने कहा, अभी कोविड देखभाल केंद्रों में 15,500 बिस्तर हैं. एक जून को हमारे पास सिर्फ 300 आईसीयू बिस्तर थे लेकिन आज हमारे पास 2,100 आईसीयू बिस्तर हैं जिनमें से 1,000 पर मरीज हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में फिलहाल संक्रमितों की कुल संख्या 1.18 लाख से ज्यादा हो गयी. शहर में संक्रमण से मृतकों की संख्या 3,545 हो गयी है. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 58 लोगों की मौत हो गयी. यह लगातार छठा दिन है जब 1,000-2000 के बीच कोविड-19 के नए मामले आए हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, वर्तमान में संक्रमण के 17,407 मामले हैं और उससे एक दिन पहले 17,807 मामले थे.
Posted By – Arbind kumar mishra
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