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सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र, 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा का हिस्सा है और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है. इस क्षेत्र की स्थापना इमरजेंसी के दौरान विस्थापित आबादी के पुनर्वास के लिए की गई थी. यह इलाका धीरे-धीरे मुस्लिम बहुल क्षेत्र बन गया है और अब तक हुए चुनावों में हमेशा मुस्लिम उम्मीदवारों को ही जीत मिली है.
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2020 के विधानसभा चुनाव में, आम आदमी पार्टी के अब्दुल रहमान ने बीजेपी के कौशल कुमार मिश्रा को 37,075 वोटों के अंतर से हराया. अब्दुल रहमान को 72,694 वोट मिले, जबकि कौशल को 35,619 वोट ही मिले. कांग्रेस के उम्मीदवार चौधरी मतीन अहमद को 20,207 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे. इस चुनाव में कुल 71% मतदान हुआ.
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सीलमपुर सीट के इतिहास में हमेशा मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत हुई है. 1993 में चौधरी मतीन अहमद ने जनता दल के टिकट पर जीत हासिल की थी. बाद में, उन्होंने निर्दलीय और फिर कांग्रेस के टिकट पर कई बार जीत दर्ज की. 2015 में आम आदमी पार्टी के मोहम्मद इशराक ने यहां पहली बार जीत दर्ज की, और 2020 में अब्दुल रहमान ने यह सीट जीती. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मतीन अहमद, जो 5 बार विधायक रह चुके हैं, 2025 के चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए.
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